Monday, 17 April 2017

Pandit Jawaharlal Nehru


पूरा नाम - पंडित जवाहरलाल नेहरू 
जन्म - 14 नवम्बर 1889
जन्म भूमि - इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
मृत्यु - 27 मई 1964
मृत्यु स्थान - दिल्ली
अभिभावक - पं. मोतीलाल नेहरू, श्रीमती स्वरूप रानी
 शिक्षा - बैरिस्टर  
विद्यालय - इंग्लैण्ड के हैरो स्कूल, केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज 

जन्म

नेहरू कश्मीरी ब्राह्मण परिवार के थे, जो अपनी प्रशासनिक क्षमताओं तथा विद्वत्ता के लिए विख्यात थे और जो 18वीं शताब्दी के आरंभ में इलाहाबाद आ गये थे। इनका जन्म इलाहाबाद में 14 नवम्बर 1889 ई. को हुआ। वे पं. मोतीलाल नेहरू और श्रीमती स्वरूप रानी के एकमात्र पुत्र थे।

शिक्षा

उनकी प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई 14 वर्ष की आयु में नेहरू ने घर पर ही कई अंग्रेज़ अध्यापिकाओं और शिक्षकों से शिक्षा प्राप्त की। जवाहरलाल के एक समादृत भारतीय शिक्षक भी थे, जो उन्हें हिन्दी और संस्कृत पढ़ाते थे। 15 वर्ष की उम्र में 1905 में नेहरू एक अग्रणी अंग्रेज़ी विद्यालय इंग्लैण्ड के हैरो स्कूल में भेजे गये।  जहाँ वह दो वर्ष तक रहे। और हैरो से वह केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए, जहाँ उन्होंने तीन वर्ष तक अध्ययन करके प्रकृति विज्ञान में स्नातक उपाधि प्राप्त की। उनके विषय रसायनशास्त्र, भूगर्भ विद्या और वनस्पति शास्त्र थे। केंब्रिज छोड़ने के बाद लंदन के इनर टेंपल में दो वर्ष बिताकर उन्होंने वकालत की पढ़ाई की।

परिवार 

भारत लौटने के चार वर्ष बाद मार्च 1916 में नेहरू का विवाह कमला कौल के साथ हुआ, जो दिल्ली में बसे कश्मीरी परिवार की थीं। उनकी अकेली संतान इंदिरा प्रियदर्शिनी का जन्म 1917 में हुआ; बाद में वह, विवाहोपरांत नाम 'इंदिरा गांधी', भारत की प्रधानमंत्री बनीं। तथा एक पुत्र प्राप्त हुआ, जिसकी शीघ्र ही मृत्यु हो गयी थी।

भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री

सन् १९४७ में भारत को आजादी मिलने पर जब भावी प्रधानमन्त्री के लिये कांग्रेस में मतदान हुआ तो तो सरदार पटेल को सर्वाधिक मत मिले। उसके बाद सर्वाधिक मत आचार्य कृपलानी को मिले थे। किन्तु गांधीजी के कहने पर सरदार पटेल और आचार्य कृपलानी ने अपना नाम वापस ले लिया और जवाहर लाल नेहरू को प्रधानमन्त्री बनाया गया। 1947 में वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमन्त्री बने। अंग्रेजों ने करीब 500 देशी रियासतों को एक साथ स्वतंत्र किया था और उस वक्त सबसे बडी चुनौती थी उन्हें एक झंडे के नीचे लाना। उन्होंने भारत के पुनर्गठन के रास्ते में उभरी हर चुनौती का समझदारी पूर्वक सामना किया। जवाहरलाल नेहरू ने आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उन्होंने योजना आयोग का गठन किया, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित किया और तीन लगातार पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ किया। उनकी नीतियों के कारण देश में कृषि और उद्योग का एक नया युग शुरु हुआ। नेहरू ने भारत की विदेश नीति के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाई।


क़िताबे

आत्मचरित्र (1936) (Autobiography)
दुनिया के इतिहास का ओझरता दर्शन (1939) (Glimpses Of World History).
भारत की खोज (1946) (The Discovery Of India) आदी। 

पुरस्कार 

1955 में भारत का सर्वोच्च नागरी सम्मान ‘भारत रत्न’ पंडित नेहरु को देकर उन्हें सम्मानित किया गया। 


 विशेषता

आधुनिक भारत के शिल्पकार।
पंडित नेहरु का जन्मदिन 14 नवम्बर  ये ‘बालक दिन’ के रूप में मनाया जाता है।


मृत्यु

उन्हें 1963 में दिल का हल्का दौरा पड़ा, जनवरी 1964 में उन्हें और दुर्बल बना देने वाला दौरा पड़ा। कुछ ही महीनों के बाद तीसरे दौरे में 27 मई 1964 में उनकी मृत्यु हो गई।

Share this

0 Comment to "Pandit Jawaharlal Nehru"

Post a Comment