Thursday 18 January 2018

Shankar Dayal Sharma


शंकर दयाल शर्मा
 जन्म - 19 अगस्त 1918
मृत्यु - 26 दिसम्बर 1999

जन्म

शंकर दयाल शर्मा का जन्म 19 अगस्त 1918 को भोपाल में 'दाई का मौहल्ला' में हुआ था। उस समय भोपाल को नवाबों का शहर कहा जाता था। अब यह मध्य प्रदेश में है। इनके पिता का नाम 'पण्डित खुशीलाल शर्मा' था और वह एक प्रसिद्ध वैद्य थे। इनकी माता का नाम 'श्रीमती सुभद्रा देवी' था।

शिक्षा

डॉ शंकरदयाल शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय 'दिगम्बर जैन स्कूल' में हासिल की थी। उन्होंने 'सेंट जोंस कॉलेज', आगरा और बाद में इलाहाबाद विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय से एल एल.बी. की उपाधि प्राप्त की थी। आपने अंग्रेज़ी साहित्य और संस्कृत सहित हिन्दी में स्नातकोत्तर उपाधियाँ अर्जित की थीं। उसके बाद उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैण्ड गए। वहाँ क़ानून की शिक्षा ग्रहण की और पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। विश्वविद्यालय ने शंकरदयाल शर्मा को 'डॉक्टर आफ लॉ' की मानद विभूति से अलंकृत किया था। कुछ समय तक 'कैम्ब्रिज विश्व विद्यालय' में क़ानून के अध्यापक रहने के बाद आप भारत वापस लौट आए और लखनऊ विश्वविद्यालय में क़ानून का अध्यापन कार्य करते रहे।

विवाह

7 मई 1950 में श्री शंकरदयाल शर्मा का विवाह 'विमला शर्मा' के साथ सम्पन्न हुआ। इनका विवाह जयपुर में सम्पन्न हुआ था। शर्मा दम्पति को दो पुत्र एवं दो पुत्रियों की प्राप्ति हुई। विवाह के बाद विमला शर्मा समाज सेवा के कार्यों में व्यस्त रहती थीं। 1985 में वह उदयपुरा क्षेत्र से मध्य प्रदेश विधानसभा की विधायिका चुनी गईं। इस सीट से यह प्रथम महिला विधायिका निर्वाचित हुई थीं।

राजनैतिक शुरूआत


1940 के दशक में वे भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में शामिल हो गए, इस हेतु उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले ली, 1952 में भोपाल के मुख्यमंत्री बन गए, इस पद पर 1956 तक रहे जब भोपाल का विलय अन्य राज्यों में कर मध्यप्रदेश की रचना हुई। 1960 के दशक में उन्होंने इंदिरा गांधी को कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व प्राप्त करने में सहायता दी। इंदिरा कैबिनेट में वे संचार मंत्री (1974-1977) रहे, 1971 तथा 1980 में उन्होंने भोपाल से लोक सभा की सीट जीती, इसके बाद उन्होंने कई भूष्नात्मक पदों पर कार्य किया, 1984 से वे राज्यपाल के रूप में आंध्रप्रदेश में नियुक्ति के दौरान दिल्ली में उनकी पुत्री गीतांजली तथा दामाद ललित माकन की हत्या सिख चरमपंथियों ने कर दी, 1985 से 1986 तक वे पंजाब के राज्यपाल रहे, अन्तिम राज्यपाल दायित्व उन्होंने 1986 से 1987 तक महाराष्ट्र में निभाया। इसके बाद उन्हें उप राष्ट्रपति तथा राज्य सभा के सभापति के रूप में चुन लिया गया गया इस पद पर वे 1992 में राष्ट्रपति बनने तक रहे। शर्मा संसदीय मानको का सख्ती से पालन करते थे, राज्य सभा में एक मौके पर वे इसलिए रो पड़े थे कि क्योंकि राज्य सभा के सदस्यों ने एक राजनैतिक मुद्दे पर सदन को जाम कर दिया था। राष्ट्रपति चुनाव उन्होंने जार्ज स्वेल को हरा के जीता था इसमे उन्हें 66% मत मिले थे। अपने अन्तिम कार्य वर्ष में उन्होंने तीन प्रधानमंत्रियो को शपथ दिलाई।

मृत्यु

अपने जीवन के अंतिम पाँच वर्षो में शर्मा गंभीर स्वास्थ समस्या से जूझ रहे थे। 26 दिसम्बर 1999 को उन्हें एक जोरदार दिल का दौरा आया और तुरंत उन्हें नयी दिल्ली के हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहाँ उनकी मृत्यु हो गयी थी।

Share this

0 Comment to "Shankar Dayal Sharma"

Post a Comment