घरेलू नुस्ख़े
1.तुलसी के पत्तियां (Basil Leaves)
तुलसी कई बीमारियों में रामबाण की तरह कम करता है। तुलसी में काफी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो मस्तिष्क में फ्री रेडिकल्स को ठीक करते हैं। मस्तिष्क की किसी भी प्रकार की बीमारी में अगर रोजाना तुलसी के 20 पत्तियां चबाकर खाया जाए तो यह काफी असरदार होता है।
2.ब्राह्मी बूटी (Brahmni Leaves)
ब्राह्मी के पत्ते हमारे घरों के आसपास खासकर जहां मिट्टी होते हैं, वहां उगते हैं। यह आकार में गोल और घुमावदार होता है। इसे रोज खाली पेट चबा कर खाने से न सिर्फ याददाश्त मजबूत होती है, बल्कि मिरगी के दौरे को भी यह कम करता है।
3.अंगूर का रस (Grapes Juice)
मिरगी के मरीजों के लिए अंगूर का रस काफी फायदेमंद होता है। लगभग आधा किलो अंगूर का रस निकालकर सवेरे खाली पेट पीना चाहिए। इसे छह महीने तक आजमाने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
4.मिट्टी का लेप (Soil Bath)
मिट्टी को पानी में गीला करके मरीज के पूरे शरीर लेप लगा दें। एक घंटे बाद नहा लें। इससे मिरगी के दौरे कम आएगे और मरीज थोड़ा बेहतर महसूस करेगा। यह इलाज काफी कारगर है।
1.तुलसी के पत्तियां (Basil Leaves)
तुलसी कई बीमारियों में रामबाण की तरह कम करता है। तुलसी में काफी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो मस्तिष्क में फ्री रेडिकल्स को ठीक करते हैं। मस्तिष्क की किसी भी प्रकार की बीमारी में अगर रोजाना तुलसी के 20 पत्तियां चबाकर खाया जाए तो यह काफी असरदार होता है।
2.ब्राह्मी बूटी (Brahmni Leaves)
ब्राह्मी के पत्ते हमारे घरों के आसपास खासकर जहां मिट्टी होते हैं, वहां उगते हैं। यह आकार में गोल और घुमावदार होता है। इसे रोज खाली पेट चबा कर खाने से न सिर्फ याददाश्त मजबूत होती है, बल्कि मिरगी के दौरे को भी यह कम करता है।
3.अंगूर का रस (Grapes Juice)
मिरगी के मरीजों के लिए अंगूर का रस काफी फायदेमंद होता है। लगभग आधा किलो अंगूर का रस निकालकर सवेरे खाली पेट पीना चाहिए। इसे छह महीने तक आजमाने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
4.मिट्टी का लेप (Soil Bath)
मिट्टी को पानी में गीला करके मरीज के पूरे शरीर लेप लगा दें। एक घंटे बाद नहा लें। इससे मिरगी के दौरे कम आएगे और मरीज थोड़ा बेहतर महसूस करेगा। यह इलाज काफी कारगर है।
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