Friday 2 February 2018

पायरिया (Pyorhoea)

उपचार

1. नमक : नमक बारीक पीसकर 1 ग्राम नमक में 4 ग्राम सरसों का तेल मिलाकर प्रतिदिन मंजन करने से पायरिया रोग नष्ट होता है। इससे दांतों का दर्द और ठंड़ी चीजों के प्रयोग से उत्पन्न दर्द ठीक होता है।

2. आंवला : आंवला को जलाकर इसके राख में थोडा सा सेंधानमक मिलाकर पीसकर पॉउडर बना लें। इस पॉउडर को सरसों के तेल में मिलाकर प्रतिदिन मंजन करने से पायरिया रोग ठीक होता है और मुंह की दुर्गन्ध दूर होती है।

3. खस :
खस और इलायची को लौंग के तेल में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम दांतों पर मलने से पायरिया ठीक होता है और मुंह की दुर्गन्ध दूर होती है।

4. लोध्र : लोध्र, लाल चंदन, यिष्टमधु की जड़ और लाक्षा बराबर मात्रा में लेकर कूट-पीसकर दांत व मसूढ़ों पर मलने से दांतों के सभी रोग ठीक होते हैं।

5. आम : आम की गुठली को बारीक पीसकर मंजन बना लें और इससे प्रतिदिन मंजन करें। यह पायरिया को नष्ट करता है और दांतों के अन्य रोग भी खत्म करते हैं।

6. पीपल : पीपल के काढ़े में शहद और घी मिलाकर प्रतिदिन 2 बार कुल्ला करने से पायरिया व मसूढ़ों की सूजन दूर होती है।

7. हरीतकी (हर्रे) : हरीतकी का चूर्ण बनाकर इससे प्रतिदिन मंजन करने से दांत व मसूढ़े स्वस्थ होते हैं और पायरिया ठीक होता है।

8. हल्दी : पायरिया के रोगी को हल्दी का बारीक चूर्ण सरसों के तेल में मिलाकर प्रतिदिन रात को सोते समय दांतों पर मलकर बिना कुल्ला किए सो जाना चाहिए और सुबह उठकर कुल्ला करना चाहिए। इससे दांतों का पायरिया नष्ट होता है।

9. जामुन : जामुन के पेड़ की छाल जलाकर इसके राख में थोड़ा सा सेंधानमक व फिटकरी मिलाकर पीसकर लें। इससे प्रतिदिन मंजन करने से पायरिया रोग ठीक होता है।

10. शुण्ठी : शुण्ठी, सरसों और त्रिफला बराबर मात्रा में लेकर पानी में घोलकर कुल्ला करने से मसूढ़े स्वस्थ रहते हैं और पायरिया रोग ठीक होता है।

11. कायफल : सिरका में कायफल घिसकर मसूढ़ों पर लगातार 5 मिनट तक मलने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं तथा पायरिया रोग ठीक होता है।

12. बड़ी माई : बड़ी माई का चूर्ण बनाकर इससे दांत व मसूढ़ों पर मलने से मसूढ़ों से खून व पीब आना बन्द होता है। यह मुंह की दुर्गन्ध को दूर करता है और पायरिया रोग को समाप्त करता है।

13. इन्द्रयव : इन्द्रयव का चूर्ण दिन में 2 बार मसूढ़ों पर मलने से मसूढ़ों से खून, पीव एवं मुंह की दुर्गन्ध आदि दूर होती है।

14. पुष्करमूल : पुष्करमूल के चूर्ण को प्रतिदिन दांतों पर धीरे-धीरे मलने से दांतों का हिलना, मुंह की दुर्गन्ध एवं मसूढ़ों से पीव निकलना आदि ठीक होता है। यह पायरिया रोग को नष्ट करता है।

15. तिल : तिल को चबाकर खाने से दांत मजबूत होते हैं और पायरिया रोग नष्ट होता है।

16. नारंगी : नारंगी खाने से पायरिया रोग में लाभ मिलता है। नारंगी के छिलके को छाया में सुखाकर बारीक मंजन बना लें और इससे रोजाना मंजन करने से पायरिया रोग ठीक होता है।

17. कालीमिर्च : 10 ग्राम कालीमिर्च व 20 ग्राम तम्बाकू पीसकर बारीक चूर्ण बना लें और इस चूर्ण से प्रतिदिन मंजन करने से पायरिया रोग खत्म होता है।

18. सुहागा : सुहागा एवं बोल (हीराबोल) को मिलाकर दिन में 2 से 3 बार मसूढ़ों पर धीरे-धीरे मलने से दांत व मसूढ़ों के सभी रोग ठीक होते हैं।

19. गुग्गुल : गुग्गुल को 35 मिलीलीटर पानी में घोलकर मसूढ़ों पर मलने से पायरिया रोग नष्ट होता है। 90 प्रतिशत एल्कोहल में 20 प्रतिशत गुग्गुल मिलाकर मसूढ़ों पर मलने से भी पायरिया में लाभ मिलता है।

20. लौंग : 5 से 6 बूंद लौंग का तेल 1 गिलास गर्म पानी में मिलाकर प्रतिदिन गरारे व कुल्ला करने से पायरिया रोग नष्ट होता है।

21. मेथी : मेथी के दाने पानी में भिगोकर मेथी छानकर पानी पीने और मेथी में मिश्री मिलाकर खाने से पायरिया रोग में लाभ मिलता है।

22. गुलाब :
गुलाब का गुलाबी फूल खाने से दांत मजबूत होते हैं और मसूढ़ों से खून व मवाद आना बन्द हो जाता है।

23. सुपारी : सुपारी को जलाकर चूर्ण बना लें और इससे प्रतिदिन 2 बार मंजन करें। यह पायरिया को नष्ट करता है और मसूढ़ों से खून आना बन्द करता है।

24. व्याघ्रैरण्ड (बघण्डी) : व्याघ्रैरण्ड के पत्तों का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन कुल्ला करने से मसूढ़ों से खून निकलना बन्द होता है। इससे पायरिया रोग नष्ट होता है।

25. सिरस (सिरस) : सिरस के छाल का काढ़ा बनाकर बार-बार कुल्ला करने से मसूढ़ों के रोग में आराम मिलता है।

26. बबूल : बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर गरारे व कुल्ला करने से पायरिया रोग में लाभ मिलता है।

27. ईसबगोल : ईसबगोल को सिरके में मिलाकर दांतों पर मलने से पायरिया रोग ठीक होता है।

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