कितना कोमल हैं हुस्न उसका, ये तो जानता खुदा भी नहीं॥
हमने चाहा हैं उसकी रूह को, जिस्म तो कभी चाहा ही नहीं॥
नज़रे करम मुझ पर इतना न कर..
कि तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं
मुझे इतना न पिला इश्क-ए-जाम की,
मैं इश्क़ के जहर का आदी हो जाऊं।
कि तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं
मुझे इतना न पिला इश्क-ए-जाम की,
मैं इश्क़ के जहर का आदी हो जाऊं।
क़भी चुपके से मुस्कुरा कर देखना,
दिल पर लगे पहरे हटा कर देख़ना,
ये ज़िन्दग़ी तेरी खिलखिला उठेगी,
ख़ुद पर कुछ लम्हें लुटा कर देखना।
दिल पर लगे पहरे हटा कर देख़ना,
ये ज़िन्दग़ी तेरी खिलखिला उठेगी,
ख़ुद पर कुछ लम्हें लुटा कर देखना।
Heart touching.General Science
ReplyDeletetx g
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