Saturday, 2 December 2017

Sachidanand Hiranand Vatsyan Agyeya


सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय"
जन्म - 7 मार्च 1911
कुशीनगर, देवरिया, उत्तर प्रदेश, भारत
मृत्यु - 4 अप्रैल 1987
दिल्ली, भारत

जन्म

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय" का जन्म 7 मार्च 1911 को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के कुशीनगर नामक ऐतिहासिक स्थान में हुआ। बचपन लखनऊ, कश्मीर, बिहार और मद्रास में बीता।

शिक्षा

प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा पिता की देख रेख में घर पर ही संस्कृत, फारसी, अंग्रेजी और बांग्ला भाषा व साहित्य के अध्ययन के साथ हुई। 1925 में पंजाब से एंट्रेंस की परीक्षा पास की और उसके बाद मद्रास क्रिस्चन कॉलेज में दाखिल हुए। वहाँ से विज्ञान में इंटर की पढ़ाई पूरी कर 1927 में वे बी.एससी. करने के लिए लाहौर के फॅरमन कॉलेज के छात्र बने। 1929 में बी. एससी. करने के बाद एम.ए. में उन्होंने अंग्रेजी विषय लिया; पर क्रांतिकारी गतिविधियों में हिस्सा लेने के कारण पढ़ाई पूरी न हो सकी।

प्रमुख कृतियाँ

कविता संग्रह

भग्नदूत, इत्यलम,हरी घास पर क्षण भर, बावरा अहेरी, इंद्र धनु रौंदे हुए ये, अरी ओ करूणा प्रभामय, आँगन के पार द्वार, कितनी नावों में कितनी बार, क्योंकि मैं उसे जानता हूँ, सागर–मुद्रा‚ पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ‚ महावृक्ष के नीचे‚ नदी की बाँक पर छाया और ऐसा कोई घर आपने देखा है।

कहानी

संग्रह :विपथगा, परंपरा, कोठरी की बात, शरणार्थी, जयदोल, ये तेरे प्रतिरूप।

उपन्यास

शेखरः एक जीवनी, नदी के द्वीप, अपने अपने अजनबी।

यात्रा वृत्तांत

अरे यायावर रहेगा याद, एक बूंद सहसा उछली।

निबंधों संग्रह

सबरंग, त्रिशंकु, आत्मानेपद, आधुनिक साहित्यः एक आधुनिक परिदृश्य, आलवाल,

संस्मरण

स्मृति लेखा

डायरियां

भवंती‚ अंतरा और शाश्वती।

मृत्यु

1980 में उन्होंने वत्सलनिधि नामक एक न्यास की स्थापना की जिसका उद्देश्य साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कार्य करना था। 1964 में आँगन के पार द्वार पर उन्हें साहित्य अकादमी का पुरस्कार प्राप्त हुआ । दिल्ली में ही 4 अप्रैल 1987 को उनकी मृत्यु हुई।

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