Friday 2 February 2018

पीला बुखार (Yellow Fever)

लक्षण

1.अनिद्रा, काले दस्त, रक्तस्त्राव, पित्तयुक्त मूत्र, रक्तचाप की कमी और नाड़ी की शिथिलता,
2.कमजोरी महसूस होना
3.घातक अवस्था में मूत्र आना बंद हो जाना।
4.ठंड के साथ बुखार आना,
5.शरीर में पीड़ा होना
6.सिर दर्द होना,

घरेलू उपाय

1. तुलसी और काली मिर्च (Basil and Black Pepper)


काली मिर्च पीले बुखार के इलाज में बहुत कारगर साबित हो रही है। आधा लीटर डिस्टिलड पानी में कुछ तुलसी के पत्ते डालकर उबलने दें। इस पानी में आधा चम्मच काली मिर्च का पाउडर मिलाएं। इस पानी को रंग बदलने तक उबलने दें। यह पानी न केवल पीले बुखार को कम करता है बल्कि आपको तुरंत ऊर्जा भी देता है। इस पानी में तीन चम्मच शहद भी मिलाया जा सकता है। इसे दिन में दो बार पीएं।

2. प्याज़ (Onion)


एक कच्चा प्याज लें और दो हिस्सों में काट लें। इसे ओवन में डालकर लगभग 15 मिनट के लिए 400 डिग्री पर सेंक लें। ऐसा करने से प्याज का रस आसानी से निकल जाता है। इस रस में कुछ बूंदे शहद की मिलाएं। इस मित्रण को पीले बुखार से निजात के लिए इस्तेमाल करें।

3. लहसुन (Garlic)


बार बार उल्टी होने से डिहाइड्रेशन हो जाता है जिससे शरीर आमतौर पर कमजोर हो जाता है और इससे शरीर की इम्यूनिटी भी घटती है। लहसुन अपने वायरल विरोधी, एंटी बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। लहसुन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के साथ साथ वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण से शरीर की रक्षा करने में सक्रिय भूमिका निभाता है। छह से दस लहसुन की कली लेकर उन्हें कुचल लें। इस लहसुन को आप यूं भी खा सकते हैं या फिर शहद मिलाकर सुबह सुबह खाएं।

4. नारियल पानी (Coconut Water)


पीले बुखार में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नारियल पानी बेहद लाभकारी है। यह शरीर को हाइड्रेट करके अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। एक दिन में कम से कम तीन से चार बार नारियल पीएं।

5. गन्ने का रस (Sugarcane Juice)


डिहाइड्रेशन पीले बुखार का सबसे खतरनाक लक्षण है। ऐसे में गन्ने का रस कमजोर शरीर को स्फूर्ति देता है। गन्ने के रस से निर्जलित शरीर के लिए आवश्यक विटामिन और खनिज की आपूर्ति की जा सकती है। गन्ने का रस शरीर की मांसपेशियों में ग्लूकोज की आपूर्ति करता है। शरीर में आवश्यक प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए दिन में तीन बार गन्ने के रस का इस्तेमाल किया जा सकता है।यह भी पीले बुखार से पीड़ित मरीज की उच्च शरीर के तापमान को कम कर देता है।

6. जौ का पानी (Barley Water or Jau ka pani)


जौ एक संपूर्ण अनाज है जिसमें स्वस्थ जीवन शैली के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व है मौजूद हैं। जौ में विटामिन बी 1, बी 2, बी 5, 9 और विटामिन ई होता है। यह पीले बुखार से पीड़ित मरीज की सूजन और शरीर के उच्च तापमान को कम करता है। एक दिन में तीन बार जौ का पानी पीने से पीले बुखार में आराम मिलता है।

7. नींबू और नमक (Lemon and Salt)


पीले बुखार से पीड़ित व्यक्ति को डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति और ज्यादा थका हुआ लगता है। एक गिलास पानी में नींबू के रस की कुछ बूंदे मिलाकर पीने से भी पीले बुखार में काफी आराम मिलता है। इस नींबू वाले पानी में एक चुटकी नमक भी मिलाएं। यह पानी डिहाइड्रेशन की कमी को पूरा करता है और रोगी को ऊर्जा देता है।

सिरदर्द (Headache)

घरेलू नुस्ख़े

1.मसालेदार चाय (Spicy Tea)


मसालेदार चाय सरदर्द के लिए एक रामबाण की तरह काम करता है। इसे घर में भी आसानी से बनाया जा सकता है। यह एक उत्‍तेजक पेय पदार्थ है जो दिमाग को सचेत करता है। चाय में थोड़ी अदरख, लौंग और इलाइची मिला कर उबाल दें। हो गया गरमागरम मसालेदार चाय तैयार। मसालेदार चाय को गरमागरम ही पीना चाहिए। इससे आपका सरदर्द तो गायब होगा ही साथ में आप तरोताज़ा भी महसूस करेंगे।

2.सरसों तेल (Mustard Oil)

सरदर्द में सरसों तेल काफी असरदार होता है। माथे के जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो उस तरफ वाले नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डाल दीजिए और उसके बाद जोर से सांसों को ऊपर की तरफ खींचिए। इससे सरदर्द से काफी राहत मिलेगी। ध्यान रहे सरदर्द होने पर बिस्तर पर लेटकर दर्द वाले हिस्से को बेड के नीचे लटका कर नाक में तेल लेना चाहिए।

3.तेल मालिश (Oil massage)

सरदर्द में तेल की मालिश बहुत असरदार होती है। मालिश से सिर की रक्त धमनियों में रक्त प्रवाह सही से होने लगता है और सरदर्द तुरंत छू-मंतर हो जाती है। ध्यान रहे सिर की मालिश हर्बल तेल से ही करें और सरदर्द होने पर तेल को हल्का गर्म कर लेना चाहिए ताकि यह जल्दी असर करे।

4.दालचीनी (Cinamon)

दालचीनी को पानी के साथ महीन पीसकर माथे पर पतला लेप लगाने से सरदर्द  में काफी राहत मिलती है। लेप सूख जाने पर उसे हटा लीजिए। तीन-चार बार लेप लगाने पर सरदर्द होना बंद हो जाता है।

5.पुष्कर मूल (Pushkar Mool)

पुष्कर मूल एक कुदरती जड़ी बूटी है। इसे चंदन की तरह घिसकर लेप बना लें और सिर पर लगाएं। इसके लेप को माथे पर लगाने से सरदर्द में काफी राहत मिलता है।

6.मुलेठी (Mulethi)

मुलेठी सरदर्द में काफी काम करता है। मुलेठी को पीसकर चूर्ण बना लीजिए। इस चूर्ण को नाक के पास ले जाकर सूंघें। इससे सरदर्द छू-मंतर हो जाएगी।

7.सौंफ-पीपल-मुलेठी (Saunf, Peepal and Mulethi)

पीपल के पत्ते, सोंठ, मुलैठी और सौंफ सबको पीसकर चूर्ण बना लीजिए। उसके बाद इस चूर्ण में एक चम्मुच पानी मिलाकर गाढा लेप बना बना लीजिए। इस लेप को माथे पर लगाइए। सरदर्द खत्म हो जाएगा।

उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)

घरेलू नुस्ख़े

1.शहजन की फली (Drum Sticks)


शहजन में प्रोटीन, विटामिन और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कि शारीरिक स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद जरूरी हैं। शहजन का उपयोग करने का आसान तरीका है कि इसकी फलियों को दाल के साथ बनाकर खाया जाए। इससे भी उच्च रक्तचाप नॉर्मल होता है।

2.आंवला (Indian Gooseberry)

आंवला में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है जो कि शरीर से कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) की मात्रा को कम करती है। इससे दिल स्वस्थ रहता है और उच्च रक्त चाप नियंत्रित।

3.मूली (Radish)

रसोईघर में प्रयोग होने वाली आम सब्जी है मूली, लेकिन इसमें उच्च रक्त्चाप को नियंत्रित करने के गुण होते हैं। मूली को सलाद के रूप में कच्चा या दही के साथ मिलाकर खाया जा सकता है।

4.तिल (Sesame)

तिल का खाने में प्रयोग करने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। तिल के लड्डू या तिल का पाउडर सलाद या दाल सब्जी में ऊपर से छिड़ककर खाने से लाभ होता है।

5.लहसुन (Garlic)


लहसुन को खाली पेट सुबह कच्चा ही खाएं। लहसुन में रक्त को पतला करने के गुण होते हैं जो कि रक्त का थक्का जमने से भी रोकता है। चिकित्सक से परामर्श लेकर लहसुन कर प्रयोग शुरू कर सकते हैं।

दमा (Asthma)

लक्षण

1.जब दमा रोग से पीड़ित रोगी को दौरा पड़ता है तो उसे सूखी या ऐठनदार खांसी होती है।
2.जब रोग बहुत अधिक बढ़ जाता है तो दौरा आने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे रोगी को सांस लेने में बहुत अधिक दिक्कत आती है तथा व्यक्ति छटपटाने लगता है।
3.दमा रोग से पीड़ित रोगी को कफ सख्त, बदबूदार तथा डोरीदार निकलता है।
4.पीड़ित रोगी को सांस लेनें में बहुत अधिक कठिनाई होती है।
5.सांस लेते समय अधिक जोर लगाने पर रोगी का चेहरा लाल हो जाता है।
6.रात के समय में लगभग 2 बजे के बाद दौरे अधिक पड़ते हैं।
7.रोगी को रोग के शुरुआती समय में खांसी, सरसराहट और सांस उखड़ने के दौरे पड़ने लगते हैं।
8.सांस लेने तथा सांस को बाहर छोड़ने में काफी जोर लगाना पड़ता है।

उपचार

1. एक पका केला छिलका लेकर चाकू से लम्बाई में चीरा लगाकर उसमें एक छोटा चम्मच दो ग्राम कपड़ा छान की हुई काली मिर्च भर दें। फिर उसे बगैर छीले ही, केले के वृक्ष के पत्ते में अच्छी तरह लपेट कर डोरे से बांध कर 2-3 घंटे रख दें। बाद में केले के पत्ते सहित उसे आग में इस प्रकार भूने की उपर का पत्ता जले। ठंडा होने पर केले का छिलका निकालकर केला खा लें।
2. अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। सबेरे और शाम इस चाय का सेवन करने से मरीज को फायदा होता है।
3. अदरक का एक चम्मच ताजा रस, एक कप मैथी के काढ़े और स्वादानुसार शहद इस मिश्रण में मिलाएं। दमे के मरीजों के लिए यह मिश्रण लाजवाब साबित होता है।
दमा रोगी पानी में अजवाइन मिलाकर इसे उबालें और पानी से उठती भाप लें, यह घरेलू उपाय काफी फायदेमंद होता है।
4. 4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएँ और गरम-गरम पी लें। हर रोज दो से तीन बार यह काढ़ा बनाकर पीने से मरीज को निश्चित रूप से लाभ होता है।
5. 180 मिमी पानी में मुट्ठीभर सहजन की पत्तियां मिलाकर करीब 5 मिनट तक उबालें। मिश्रण को ठंडा होने दें, उसमें चुटकीभर नमक, कालीमिर्च और नीबू रस भी मिलाया जा सकता है। इस सूप का नियमित रूप से इस्तेमाल दमा उपचार में कारगर माना गया है।

होंठ फटना (Cracked Lips)

उपचार

1. मुलेठी : `वातज´ रोग में मुलेठी, लोबान, राल, गुग्गल, देवदारू को बराबर मात्रा मे मिलाकर पीस लें ओर छान लें। इस चूर्ण को नियमित रूप से होठों पर लगाने से होंठ फटना बन्द हो जाता है।

2. मोम : मोम, गुड़ और राल को बराबर मात्रा में एकसाथ मिलाकर तेल या घी में पकाकर लेप बना लें। इस लेप को होंठों पर लगाने से होठों की कठोरता, सुई चुभने जैसा दर्द और होंठों में से पीब आदि निकलना बन्द हो जाता है।

3. धनिया :
धनिया, राल, गेरू, मोम, घी और सेंधानमक को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर और छानकर लेप करने से होंठों के घाव दूर हो जाते हैं।

4. अनन्तमूल :
अनन्तमूल की जड़ को पीसकर होंठों पर या शरीर के किसी भी भाग पर जहां पर त्वचा के फटने की वजह से खून निकलता हो लगाने से लाभ होता है।

5. अजमोद :
1 से 4 ग्राम अजमोद के फल के चूर्ण को रोजाना सुबह और शाम खाने से होंठ ही नहीं, शरीर में कही भी त्वचा फटकर खून निकलता हो उसमें लाभ होता है।

6. मेथी :
मेथी के बीज का चूर्ण 5 से 10 ग्राम सुबह और शाम गुड़ के साथ खाने से त्वचा या होंठ फटने की वजह से खून निकलने की शिकायत दूर हो जाती है।

7. जायफल : जायफल को पीसकर लेप करने से भी होंठ फटने की शिकायत या बिवाई (एड़ियां फटना) की शिकायत दूर हो जाती है।

8. अखरोट :
अखरोट की मिंगी (बीज) को लगातार खाने से होंठ या त्वचा के फटने का रोग दूर हो जाता है।

9. सिंहोरा : सिंहोरा का दूध लगाने से होंठ या त्वचा के फटने की शिकायत दूर होती है।

10. खीरे :
खीरे का पानी लगाने से होंठों का फटना बन्द हो जाता है।

11. मक्खन : मक्खन में नमक मिलाकर लगाने से होंठ नहीं फटते हैं।

12. शहद : 20 ग्राम शहद में 10 ग्राम सुहागा मिलाकर दिन में 3 बार मलने से होंठों का फटना दूर हो जाता है।

13. नारियल : 5 ग्राम मोम को 25 मिलीलीटर नारियल के गर्म तेल में डालकर घोट लें। इसे दिन में 3 बार होठों पर मलने से लाभ होता है।

14. मूंगफली : नहाने से पहले हथेली में चौथाई चम्मच मूंगफली का तेल लेकर अंगुली से हथेली में रगड़ लें और फिर होंठों पर इस तेल से मालिश करने से होंठ सुंदर बन जाते हैं।

15. मौसमी : होंठों पर मौसमी का रस रोजाना 2 से 3 बार लगाने से होंठों का कालापन दूर होता है और होठ प्राकृतिक रूप से लाल रहते हैं।

16. इलायची : होठों पर जब पपड़ी जम जाती है तो उनके उतरने पर बहुत दर्द होता है। इलायची को पीसकर मक्खन में मिलाकर कम से कम 7 दिन तक रोजाना 2 बार होंठों पर लगाने से लाभ होता है।

17. ग्लिसरीन : ग्लिसरीन को रोजाना 3 बार होंठों पर लगाने से लाभ होता है।

18. बादाम : 5 बादाम रोजाना सुबह और शाम खाने से होंठ नहीं फटते हैं।

19. बादाम रोगन : रात को सोते समय होंठों पर बादाम रोगन लगाकर सो जाएं। इससे सुबह उठने पर पपड़ी हट जायेगी और होंठ मुलायम रहेंगे तथा आगे से होंठों पर पपड़ी भी नहीं जमेगी। हमेशा ध्यान रखें कि होठों पर जमी हुई पपड़ी को नाखून या दांत से कभी नहीं नोंचे और मुंह से सांस न लें।

20. दही : दही के मक्खन में केसर मिलाकर होठों पर लगाने से होंठ लाल हो जाते हैं।


हैपेटाइटिस (Hepatitis)

उपचार

1. लिकोरिस पाउडर और शहद (Liquorice powder and honey)

एक बड़ा चम्मच लिकोरिस पाउडर में दो चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन खाएं। हेपेटाइटिस के उपचार में यह भी बेहद फायदेमंद है। इसके साथ ही लिकोरिस की जड़ को पानी में उबालकर उसकी चाय भी बनाई जा सकती है।

2. लहसुन (Garlic)

लहसुन रक्त को साफ करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है ऐसे में रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की एक से दो कली चबाएं। साथ ही खाना बनाने में भी लहसुन का प्रयोग मसाले के रूप में जरूर करें।

3. अजवायन और जीरा (Ajwain aur jeera)

एक चम्मच अजवायन और एक चम्मच जीरा पीसकर पाउडर बना लें। इसमें एक चुटकी नमक मिलाएं। इस चूरन को रोजाना दो बार खाएं। इससे इम्यूनिटी बढ़ेगी और हेपेटाइटिस में आराम होगा।

4. ग्रीन टी (Green tea)
ग्रीन टी यानि हर्बल चाय गुणों से भरपूर होती है। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) होते हैं जो शरीर के साथ ही मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखते हैं। हेपेटाइटिस के उपचार और बचाव के लिए ग्रीन टी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

5. हल्दी (Haldi)


हल्दी इनफ्लेमेंटरी (inflammatory) गुणों से भरपूर होती है। हल्दी का इस्तेमाल भी हेपेटाइटिस से रक्षा कर सकता है। हल्दी को दूध में डालकर पीने से भी बहुत लाभ होता है। हालांकि पीलिया होने में हल्दी लेने की मनाही होती है।

6. आंवला (Amla)

आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है जो लीवर को हर तरह से फायदा पहुंचाता है। आंवला का प्रयोग च्यवनप्राश में भी किया जाता है जिससे इम्यूनिटी बढ़े और पाचन शक्ति मजबूत हो। ऐसे में आंवला का प्रयोग दैनिक आहार में भी किया जा सकता है। आंवला जूस, चटनी, अचार आदि को दैनिक आहार में शामिल करें।

7. काली गाजर (Black carrot)

काली गाजर के भी बहुत फायदे हैं। विटामिन से भरपूर काली गाजर से खून की कमी पूरी होती है तथा रक्त संचार सुधरता है। हेपेटाइटिस में भी गाजर को सलाद के रूप में खाने से बहुत फायदे होते हैं।

मिरगी (Epilepsy)

घरेलू नुस्ख़े

1.तुलसी के पत्तियां (Basil Leaves)

तुलसी कई बीमारियों में रामबाण की तरह कम करता है। तुलसी में काफी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो मस्तिष्क में फ्री रेडिकल्स को ठीक करते हैं। मस्तिष्क की किसी भी प्रकार की बीमारी में अगर रोजाना तुलसी के 20 पत्तियां चबाकर खाया जाए तो यह काफी असरदार होता है।

2.ब्राह्मी बूटी (Brahmni Leaves)

ब्राह्मी के पत्ते हमारे घरों के आसपास खासकर जहां मिट्टी होते हैं, वहां उगते हैं। यह आकार में गोल और घुमावदार होता है। इसे रोज खाली पेट चबा कर खाने से न सिर्फ याददाश्त मजबूत होती है, बल्कि मिरगी के दौरे को भी यह कम करता है।

3.अंगूर का रस (Grapes Juice)

मिरगी के मरीजों के लिए अंगूर का रस काफी फायदेमंद होता है। लगभग आधा किलो अंगूर का रस निकालकर सवेरे खाली पेट पीना चाहिए। इसे छह महीने तक आजमाने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।

4.मिट्टी का लेप (Soil Bath)

मिट्टी को पानी में गीला करके मरीज के पूरे शरीर लेप लगा दें। एक घंटे बाद नहा लें। इससे मिरगी के दौरे कम आएगे और मरीज थोड़ा बेहतर महसूस करेगा। यह इलाज काफी कारगर है।


जुकाम (Common Cold)

घरेलू उपाय

1. शहद (Honey)

शहद में मौजूद एंजाइम (enzyme) में, उच्च मात्रा में बैक्टीरिया और वायरस को मारने के गुण होते हैं। शहद से गले का सूखापन दूर होता है और जुका्म जल्दी ठीक हो जाता है। सबसे सरल उपाय घर पर एक चम्मच नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाएं। ठंडक और गले में खराश से राहत पाने के लिए हर दो घंटे में लें।
 यदि आप चाहें, तो एक चम्मच कच्चा शहद भी खा सकते हैं।

2. मसाला चाय (Masala chai)

किचन में रखे मसालों से बनी चाय जुकाम में बहुत जल्दी राहत देती है। एक चौथाई कप सूखा भुने हुए धनिया बीज पीसकर इसमें आधा चम्मच जीरा और सौंफ के बीज और एक चौथाई चम्मच मेथी के बीज मिलाएं। अब एक कप पानी उबाल लें और इसमें आधा चम्मच तैयार मसाला और आधा चम्मच मिश्री डालें। तीन से चार मिनट उबालें। इसके बाद दूध डालें और गरम गरम पीएं।

3. अदरक (Ginger)

अदरक अपने एंटीवायरल, एस्पेक्टरेन्ट (expectorant) गुणों के कारण सर्दी से राहत देता है।कच्चा अदरक खाने या एक दिन में अदरक की चाय कई बार पीने से लाभ होता है। अदरक की चाय के प्रभाव को बढ़ाने के लिए, चाय में नींबू का रस और शहद मिलाएं। नाक बह रही हो तो बराबर मात्र में सूखा अदरक पाउडर (Dry ginger powder) मक्खन या घी और गुड़ (jaggary) मिलाकर छोटी छोटी गोली बनाएं। सुबह रोजाना खाली पेट एक गोली खाएं।

घमौरियां (Prickly Heat)

घरेलू नुस्ख़े

1.बेकिंग पाउडर (Baking Powder)
बेकिंग पाउडर भी घमौरियों से राहत देने का अच्छा उपाय है। यह मृत त्वचा को हटाकर, गंदगी को साफ करता है जो कि खुजली और जलन का कारण होते हैं। उपचार के लिए एक कप ठंडे पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर उसमें एक साफ कपड़ा भिगाकर निचोड़ लें। इस कपड़े को प्रभावित स्थान पर तकरीबन 10 मिनट तक रखें। एक हफ्ते तक हर रोज 5 से 6 बार ऐसा करें।

2.चंदन का पाउडर (Sandalwood Powder)

चंदन के पाउडर की ठंडक भी घमौरियों से निजात दिलाने में प्रभावी है। उपचार के लिए चंदन के पाउडर में पानी मिलाकर, लेप बनाएं और प्रभावित स्थान पर लगाएं। इसके अलावा पाउडर की तरह चंदन पाउडर को घमौरियों पर छिड़का भी जा सकता है।

3.एलोवेरा (Aloevera)

एलोवेरा भी घमौरी से निजात के लिए बेहद अच्छा स्त्रोत है। एलोवेरा के जाते पत्तों का गूदा लेकर प्रभावित स्थान पर लगाएं। तकरीबन 20 मिनट लगा रहने दें और उसके बाद धो दें। प्रतिदिन दो बार ऐसा करने से घमौरियां ठीक हो जाएंगी।

4.मुल्तानी मिट्टी (Fuller’s Earth)

मुल्तानी मिट्टी भी घमौरी से निजात दिलाने का एक अच्छा घरेलू नुस्खा है। मुल्तानी मिट्टी घमौरी की जलन से निजात दिलाती है और खुजली भी मिटाती है। उपचार के लिए 5 चम्मच मुल्तानी मिट्टी में गुलाब जल मिलाकर लेप बनाएं और इस लेप को प्रभावित स्थान पर लगाएं। इस उपाय को प्रतिदिन एक बार करें।

गुर्दे की पथरी (Kidney Stone)

उपचार

1.आंवला (Amla)

आंवला सिर्फ केश कांति बढ़ाने में ही काम नहीं आता है। इसके कई औषधीय गुण भी हैं। किडनी के पथरी को गलाने में यह काफी कारगर है। आंवले का चूर्ण मूली के साथ खाने से पथरी गल जाती है।

2.जीरा (Cumin seeds)

जीरे की तासीर सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। हर भारतीय के घर में मसाले के रुप में उपयोग किए जाने वाले जीरे के काफी औषधीय गुण हैं। जीरा को चीनी के साथ पीसकर ठंडे पानी के साथ पीने से किडनी के पथरी गलते हैं।

3.नारियल पानी (Coconut Water)

किडनी के सेहत के लिए नारियल काफी फायदेमंद है। नारियल पानी पथरी को गलाता है। पथरी होने पर नारियल पानी सुबह पीना चाहिए।

4.हरी इलाइची (Green Cardamom)

हरी इलाइची के भी बड़े औषधीय गुण हैं। इलाइची का सेवन किडनी के बीमारी में काफी फायदेमंद होता है। हरी इलायची, खरबूजे के बीज की गरी और मिश्री को पानी में मिलाकर पीने से किडनी की पथरी निकल जाती है।

5.जामुन (Blackberry)

जामुन डाइबिटीज समेत कई बीमारियों में रामबाण का काम करता है। पथरी के इलाज में भी यह काफी असरदार है।

दाद (Athlet)

उपचार :-

1. लहसुन : अगर दूध पीने वाले बच्चे को दाद हो जाये तो एक लहसुन की कली को जलाकर उसकी राख को शहद में मिलाकर दाद पर लगाने से लाभ होता है। दाद होने पर लहसुन को खाने के साथ दाद पर लगाना भी अच्छा रहता है।

2. गुलकन्द : गुलकन्द को दूध के साथ सेवन करने से दाद कुछ ही दिनों में मिट जाता है।

3. नारंगी : नारंगी की पोटली बनाकर दाद पर बांधने से दाद ठीक हो जाता है।

4. तिल : 2 चम्मच तिल के तेल को गर्म करके उसमें तारमीरा का तेल मिला लें। फिर उसके अन्दर 2 चम्मच पिसी हुई राल और 1 चम्मच पीला मोम मिलाकर इसका लेप बना लें। इस लेप को दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।

5. बथुआ : बथुए को उबालकर निचोड़कर इसका रस पी लें और इसकी सब्जी खा लें। बथुए के कच्चे पत्तों को पीसकर, निचोड़कर उसका रस निकाल लें। इस 2 कप रस में आधा कप तिल का तेल मिलाकर हल्की-हल्की आग पर पका लें। जब रस जल जाये और बस तेल बाकी रह जाये तो तेल को छानकर शीशी में भर लें। इस तेल को दाद पर लम्बे समय तक लगाते रहने से लाभ होता है।

6. आलू : रोजाना कच्चे आलू का रस पीने से दाद जल्दी ही ठीक हो जाता है।

7. मजीठ : मजीठ को शहद में घिसकर लगाने से दाद कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।

8. मिर्च : 125 ग्राम लालमिर्च को लगभग 175 ग्राम सरसों के तेल में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। इसके उबलने के बाद इसे छान लें। लाल मिर्च का यह तेल लगाने से दाद जल्दी ही ठीक हो जाता है।

9. नमक : नमक को पानी में घोल कर लेप बनाकर हर 1 घंटे के बाद दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।

10. बायविडंग : बायविडंग को पीसकर दाद पर लेप करने से दाद ठीक हो जाता है।

11. बांस : बांस की जड़ को घिसकर दाद पर लगाने से बहुत जल्दी लाभ होता है।

12. कबीला : कबीला (कमीला) को तेल में मिलाकर लगाने से दाद मिट जाता है।

13. हींग : दाद को खुजालकर उस पर हींग का लेप करने से दाद ठीक हो जाता है।

14. चना : 64 दिन तक लगातार बिना नमक के चने के आटे की रोटी खाने से दाद, खुजली और खून की खराबी दूर हो जाती है। इसके साथ घी भी ले सकते है।

आँखों का दर्द (Painful Eye)

उपचार

1. चम्पा : चम्पा के फूलों को तिल के तेल में पीसकर सिर पर बांध लें और पलकों पर लेप करें। इससे आंखों का दर्द दूर हो जाता है।

2. बेर : बेर की गुठली को अच्छी तरह से बारीक पीसकर गर्म पानी से छान लें। फिर इस पानी को आंखों में डालने से आंखों का लाल होना और आंखों का दर्द आदि रोग समाप्त होते हैं।

3. धतूरा : अगर आंखों में दर्द हो रहा हो तो पके धतूरे के पत्ते का रस अथवा नीम के कोमल पत्तों का रस या दोनों के पत्तों के रस को एक साथ मिलाकर दोनों कानों में डालने से आंखों का दर्द ठीक हो जाएगा।

4. नमक : गर्म पानी में नमक घोलकर उसके अंदर कपड़े को भिगोकर रोजाना 2 से 3 बार थोड़ी-थोड़ी देर आंखों की सिंकाई करने से आंखों को आराम मिलता है।

5. दूब : हरी दूब (घास) का रस पलकों पर लेप करने या उसको पीसकर लुगदी बनाकर रात में सोते समय आंखों पर बांधने से आंखों का दर्द और जलन दूर हो जाती है। इससे आंखों का धुंधलापन दूर हो जाता है। इसे कुछ दिनों तक लगातार प्रयोग करना चाहिए।

6. बादाम : छिलके उतारे हुए बादाम की गिरी में एक कपूर को पीसकर आंखों में लगाने से आंखों के दुखने की स्थिति में आराम मिलता है।

7. सुहागा : भुने हुए सुहागे को पीसकर कपडे़ में छानकर सलाई से सुबह-शाम आंखों में लगाने से आराम आता है।

8. रूई : जब यह पता चल जाए कि आंखें दुखने आने वाली हैं तो उसी समय जिस आंख में दर्द हो उस तरफ के कान में रूई ठूंस दें। 2 से 3 घंटों में ही पूरा आराम आ जाएगा।

9. मुलहठी : मुलहठी के काढ़े से आंखों को धोने से आंखों के रोग दूर हो जाते हैं। मुलहठी की जड़ के चूर्ण में बराबर मात्रा में सौंफ का चूर्ण मिलाकर एक चम्मच सुबह-शाम खाने से आंखों की जलन मिटती है तथा आंखों की ज्योति बढ़ती है।

10. चिरायता : चिरायता को पानी में घिसकर आंखों पर लेप करने से आंखों की ज्योति बढ़ती है और आंखों के अनेक रोगों में आराम मिलता है।

11. कागजी नींबू : लौहे के तवे पर अफीम और दन्ती को नींबू के रस में खरल करें और आंखों के ऊपर लेप करें। इससे आंखों के सभी रोग ठीक हो जाते हैं।

12. गेंदा : गेंदे के पत्तों को पीसकर टिकिया के रूप में आंखों की पलकों को बंद करके पलकों के ऊपर रखें। इससे आंखों का दर्द बहुत जल्दी ही ठीक हो जाता है।


Thursday 1 February 2018

Examples Array in C Language

1.

#include<stdio.h>
int main()
{
    int a[5],sum=0,i;
    for(i=0;i<5;i++)
    {
        printf("Enter the no.");
        scanf("%d",&a[i]);
    }
    for(i=0;i<5;i++)
    {
        sum=sum+a[i];
    }
    printf("sum=%d",sum);
}


2.

#include<stdio.h>
int main()
{
    int a[10],i;
    for(i=0;i<10;i++)
    {
        printf("Enter the no ");
        scanf("%d",&a[i]);
    }
    for(i=9;i>=0;i--)
    {
        printf("\n%d",a[i]);
    }
}


3.

#include<stdio.h>
int main()
{
    int i;
    int a[4],b[4],c[4];
    for(i=0;i<4;i++)
    {
    printf("Enter the a = ");
    scanf("%d",&a[i]);   
    }
    for(i=0;i<4;i++)
    {
    printf("Enter the b = ");
    scanf("%d",&b[i]);   
    }
    for(i=0;i<4;i++)
    {
    c[i]=a[i]+b[i];
    printf("\t%d",c[i]);
    }
}


4.

#include<stdio.h>
int main()
{
    int a[5],g=0,p,i;   
    for (i=0;i<5;i++)
    {
    printf("Enter the no = ");
    scanf("%d",&a[i]);
    }
    for(i=0;i<5;i++)
    {
        if(g<a[i])
        {
            g=a[i];
            p=i+1;
        }
    }
    printf("Greatest = %d",g);
    printf("Position of no. = %d",p);
}


5.

#include<stdio.h>
int main()
{
    int i,j;
    int a[3][4],b[3][4],c[3][4];   
    for(i=0;i<3;i++)
    {
        for(j=0;j<4;j++)
        {
        printf("Enter the a = ");
        scanf("%d",&a[i][j]);   
        }
    }
    for(i=0;i<3;i++)
    {
        for(j=0;j<4;j++)
        {
        printf("Enter the b = ");
        scanf("%d",&b[i][j]);
        }
    }   
    for(i=0;i<3;i++)
    {
        for(j=0;j<4;j++)
        {
        c[i][j]=a[i][j]+b[i][j];
        printf("\t%d",c[i][j]);
        }
        printf("\n");
    }
}


6.

#include<stdio.h>
int main()
{
    int i,j;
    int a[3][4];
    for(i=0;i<3;i++)
    {
        for(j=0;j<4;j++)
        {
        printf("Enter the no= ");
        scanf("%d",&a[i][j]);
        }
        printf("\n");
    }
    for(i=0;i<3;i++)
    {
        for(j=0;j<4;j++)
        {
            printf("\t%d",a[i][j]);
        }
        printf("\n");
    }
}

Examples Function in C Language

1.

#include<stdio.h>
int main()
{
    int power(int,int);
    int p,a,b;
    printf("Enter the no. ");
    scanf("%d",&a);
    printf("Enter The Power ");
    scanf("%d",&b);
    p=power(a,b);
    printf("p=%d",p);
}
power(int x,int y)
{
    int i,a=1;   
    for(i=1;i<=y;i++)
    {
        a=a*x;
    }
    return(a);
}


2.

#include<stdio.h>
int main()
{
    float area (float);
    float aoc,r;
    printf("Enter the circle of radius .");
    scanf("%f",&r);
    aoc=area(r);
    printf("aoc=%f",aoc);
}
area(float rad)
{
    float a,pi=3.14;
    a=pi*rad*rad;
    return(a);
}


3.

#include<stdio.h>
int main()
{
    void avg(int,int);
    int a,b;
    printf("Enter the number");
    scanf("%d%d",&a,&b);
    avg(a,b);   
}
sum(int x,int y)
{
    int z;
    z=x+y;
    return(z);
}
avg(int p,int q)
{
    float r,av;
    r=sum(p,q);
    av=r/2;
    printf("\nSum=%f",r);
    printf("\nAvg=%f",av);
}


4.

#include<stdio.h>
int main()
{
    int prime(int);
    int a;
    printf("Enter the no = ");
    scanf("%d",&a);
    prime(a);
}
prime(int a)
{
    int i,y,x=0;
    if((a==1)||(a==2))
    {
        printf("prime no");
    }
    else
    {
        for(i=2;i<a;i++)
        {
            if((a%i)==0)
            {   
                x=1;
                y=i;
                printf("\n no is divid by %d",y);
            }
        }
        if(x==1)
        {
            printf("\nThen no is not prime");
        }
        else
        {
            printf("prime no");   
        }
    }
}


5.

#include<stdio.h>
float c;
sum(float a,float b)
{
    c=a+b;
    return(c);
}
diff(float a,float b)
{
    c=a-b;
    return(c);
}
mul(float a,float b)
{
    c=a*b;
    return(c);
}
div(float a,float b)
{
    c=a/b;
    return(c);
}
mod(int a,int b)
{
    int d;
    d=a%b;
    return(d);
}
int main()
{
    int ch,d,x,y;
    float a,b;
    printf("for sum prace 1,for deffrence prace 2,for mul prace 3,for division prace 4,for modlus prace 5");
    printf("\nEnter the ch=");
    scanf("%d",&ch);
    switch(ch)
    {
    case 1:
        printf("Enter the no=");
        scanf("%f%f",&a,&b);
        c=sum(a,b);
        printf("Sum=%f",c);
        break;
    case 2:
        printf("Enter the no=");
        scanf("%f%f",&a,&b);
        c=diff(a,b);
        printf("Diff=%f",c);
        break;
    case 3:
        printf("Enter the no=");
        scanf("%f%f",&a,&b);
        c=mul(a,b);
        printf("Mul=%f",c);
        break;
    case 4:
        printf("Enter the no=");
        scanf("%f%f",&a,&b);
        c=div(a,b);
        printf("Div=%f",c);
        break;
    case 5:
        printf("Enter the no=");
        scanf("%d%d",&x,&y);
        d=mod(x,y);
        printf("Mod=%d",d);
        break;
    default:
        printf("Wrong Choice");
       
    }
}


Example Recursive Function in C Language

Write a program to calculate the factorialof a positiv intger using recursive function.

long int fact(n)
int n;
{
long int result;
if(n==0)
result=1;
else
result=n*fact(n-1);
return (result);
}
voidmain( )
{
int I;
for(i=0;i<10;i++)
{
printf(“%d\n”,i,fact(i));
}
}



Output:

0!=1
1!=1
2!=2
3!=6
4!=24
5!=120
6!=720
7!=5040
8!=40320
9!=362880
10!=3628800

Example do-While Loop in C Language

1.Write a program to evaluate the factorial value of a integer no.

#include<stdio.h>
#include<conio.h>
void main( )
{
clrscr( );
int n,i,fact=1;
printf(“enter the no”);
scanf(“%d”,&n);
i=1;
if(n>1)
do
{
fact=fact*i;
i++;
}
while(i<=n);
printf(“\n factorial value=%d”,fact);
getch( );
}

Output:

enter the no 9
factoria value=362880

2.Write a program find out the table of the intger no.

#include<stdio.h>
#include<conio.h>
void main( )
{
clrscr( );
int n,m,I;
printf(“enter the no”);
scanf(“%d”,&n);
i=1;
do
{
m=n*I;
printf(“%d%d=%d”,n,I,m);
i++;
}
while(i<=10);
getch( );
}

Output:

Enter the no 9
9*1=9
9*2=18
9*3=27
9*4=36
9*5=45
9*6=54
9*7=63
9*8=72
9*9=81
9*10=90