Friday 2 February 2018

मधुमेह (Diabetes)

उपचार

1.दिन में एक बार 2 चम्मच करेले के रास का सेवन करें।
2.दिन में एक बार 2 चम्मच कड़वी लौकी के रस को एक चम्मच आंवला के रास के साथ मिलकर कर सेवन करें।
3.दिन में दो बार 1 चम्मच मेथी के पाउडर का सेवन पानी के साथ अवश्य करें।
4.बबूल की कोमल पत्तियां उखाड़कर लायें और उन्हें सिल पर पानी के साथ पीसें, साथ ही उसमें 4-5 कालीमिर्च भी डाल दें और छानकर पीयें। इससे भी मधुमेह में लाभ होता है। इसे सुबह-शाम प्रयोग में लायें।
5.गूलर के पत्तों को पानी के साथ पीसकर उसे शर्बत के सामान पीने से मधुमेह रोग में लाभ होता है।
6.बेल के पत्तों को कूट-पीसकर उसको किसी कपड़े में बांधकर रस निकालें, 10 मिलीलीटर रस रोजाना पीने से मधुमेह रोग में शर्करा आना कम हो जाता है।

पायरिया (Pyorhoea)

उपचार

1. नमक : नमक बारीक पीसकर 1 ग्राम नमक में 4 ग्राम सरसों का तेल मिलाकर प्रतिदिन मंजन करने से पायरिया रोग नष्ट होता है। इससे दांतों का दर्द और ठंड़ी चीजों के प्रयोग से उत्पन्न दर्द ठीक होता है।

2. आंवला : आंवला को जलाकर इसके राख में थोडा सा सेंधानमक मिलाकर पीसकर पॉउडर बना लें। इस पॉउडर को सरसों के तेल में मिलाकर प्रतिदिन मंजन करने से पायरिया रोग ठीक होता है और मुंह की दुर्गन्ध दूर होती है।

3. खस :
खस और इलायची को लौंग के तेल में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम दांतों पर मलने से पायरिया ठीक होता है और मुंह की दुर्गन्ध दूर होती है।

4. लोध्र : लोध्र, लाल चंदन, यिष्टमधु की जड़ और लाक्षा बराबर मात्रा में लेकर कूट-पीसकर दांत व मसूढ़ों पर मलने से दांतों के सभी रोग ठीक होते हैं।

5. आम : आम की गुठली को बारीक पीसकर मंजन बना लें और इससे प्रतिदिन मंजन करें। यह पायरिया को नष्ट करता है और दांतों के अन्य रोग भी खत्म करते हैं।

6. पीपल : पीपल के काढ़े में शहद और घी मिलाकर प्रतिदिन 2 बार कुल्ला करने से पायरिया व मसूढ़ों की सूजन दूर होती है।

7. हरीतकी (हर्रे) : हरीतकी का चूर्ण बनाकर इससे प्रतिदिन मंजन करने से दांत व मसूढ़े स्वस्थ होते हैं और पायरिया ठीक होता है।

8. हल्दी : पायरिया के रोगी को हल्दी का बारीक चूर्ण सरसों के तेल में मिलाकर प्रतिदिन रात को सोते समय दांतों पर मलकर बिना कुल्ला किए सो जाना चाहिए और सुबह उठकर कुल्ला करना चाहिए। इससे दांतों का पायरिया नष्ट होता है।

9. जामुन : जामुन के पेड़ की छाल जलाकर इसके राख में थोड़ा सा सेंधानमक व फिटकरी मिलाकर पीसकर लें। इससे प्रतिदिन मंजन करने से पायरिया रोग ठीक होता है।

10. शुण्ठी : शुण्ठी, सरसों और त्रिफला बराबर मात्रा में लेकर पानी में घोलकर कुल्ला करने से मसूढ़े स्वस्थ रहते हैं और पायरिया रोग ठीक होता है।

11. कायफल : सिरका में कायफल घिसकर मसूढ़ों पर लगातार 5 मिनट तक मलने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं तथा पायरिया रोग ठीक होता है।

12. बड़ी माई : बड़ी माई का चूर्ण बनाकर इससे दांत व मसूढ़ों पर मलने से मसूढ़ों से खून व पीब आना बन्द होता है। यह मुंह की दुर्गन्ध को दूर करता है और पायरिया रोग को समाप्त करता है।

13. इन्द्रयव : इन्द्रयव का चूर्ण दिन में 2 बार मसूढ़ों पर मलने से मसूढ़ों से खून, पीव एवं मुंह की दुर्गन्ध आदि दूर होती है।

14. पुष्करमूल : पुष्करमूल के चूर्ण को प्रतिदिन दांतों पर धीरे-धीरे मलने से दांतों का हिलना, मुंह की दुर्गन्ध एवं मसूढ़ों से पीव निकलना आदि ठीक होता है। यह पायरिया रोग को नष्ट करता है।

15. तिल : तिल को चबाकर खाने से दांत मजबूत होते हैं और पायरिया रोग नष्ट होता है।

16. नारंगी : नारंगी खाने से पायरिया रोग में लाभ मिलता है। नारंगी के छिलके को छाया में सुखाकर बारीक मंजन बना लें और इससे रोजाना मंजन करने से पायरिया रोग ठीक होता है।

17. कालीमिर्च : 10 ग्राम कालीमिर्च व 20 ग्राम तम्बाकू पीसकर बारीक चूर्ण बना लें और इस चूर्ण से प्रतिदिन मंजन करने से पायरिया रोग खत्म होता है।

18. सुहागा : सुहागा एवं बोल (हीराबोल) को मिलाकर दिन में 2 से 3 बार मसूढ़ों पर धीरे-धीरे मलने से दांत व मसूढ़ों के सभी रोग ठीक होते हैं।

19. गुग्गुल : गुग्गुल को 35 मिलीलीटर पानी में घोलकर मसूढ़ों पर मलने से पायरिया रोग नष्ट होता है। 90 प्रतिशत एल्कोहल में 20 प्रतिशत गुग्गुल मिलाकर मसूढ़ों पर मलने से भी पायरिया में लाभ मिलता है।

20. लौंग : 5 से 6 बूंद लौंग का तेल 1 गिलास गर्म पानी में मिलाकर प्रतिदिन गरारे व कुल्ला करने से पायरिया रोग नष्ट होता है।

21. मेथी : मेथी के दाने पानी में भिगोकर मेथी छानकर पानी पीने और मेथी में मिश्री मिलाकर खाने से पायरिया रोग में लाभ मिलता है।

22. गुलाब :
गुलाब का गुलाबी फूल खाने से दांत मजबूत होते हैं और मसूढ़ों से खून व मवाद आना बन्द हो जाता है।

23. सुपारी : सुपारी को जलाकर चूर्ण बना लें और इससे प्रतिदिन 2 बार मंजन करें। यह पायरिया को नष्ट करता है और मसूढ़ों से खून आना बन्द करता है।

24. व्याघ्रैरण्ड (बघण्डी) : व्याघ्रैरण्ड के पत्तों का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन कुल्ला करने से मसूढ़ों से खून निकलना बन्द होता है। इससे पायरिया रोग नष्ट होता है।

25. सिरस (सिरस) : सिरस के छाल का काढ़ा बनाकर बार-बार कुल्ला करने से मसूढ़ों के रोग में आराम मिलता है।

26. बबूल : बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर गरारे व कुल्ला करने से पायरिया रोग में लाभ मिलता है।

27. ईसबगोल : ईसबगोल को सिरके में मिलाकर दांतों पर मलने से पायरिया रोग ठीक होता है।

टी. बी. (Tuberculosis)

उपाय

1. आंवला (Amla)- आंवला में एंटीफ्लेमेटरी (anti inflammatory) और एंटीबैक्टीरियल (antibacterial) गुण होते हैं। जो शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत करके शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।आंवला के बीज निकालकर, जूस बनाएं और इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह सुबह पीएं।

2. काली मिर्च (Black pepper)- काली मिर्च फेफड़ों (lungs) की सफाई का काम करती है। जिससे टीबी के दौरान होने वाले सीने के दर्द से राहत मिलती है। इसके साथ ही यह टीबी के कीटाणुओं को मारने का काम भी करती है। मक्खन में आठ से दस काली मिर्च फ्राई करें। इसमें एक चुटकी हींग मिलाएं और पाउडर बना लें। इस मिश्रण को तीन बराबर भागों में बांट लें। कुछ कुछ घंटे के अंतराल पर इसकी एक एक डोज खाएं।

3. लहसुन (Garlic)- लहसुन में सल्फ्यूरिक एसिड (sulphuric acid) प्रचुर मात्रा में होता है जो कि टीबी के कीटाणुओं को मारने में सक्षम है। इसके साथ ही लहसुन में एलीसिन (allicin) और एजोइनी (agoeni) भी होते हैं जो कि टीबी के पनपने वाले कीटाणुओं का खत्म करने का काम करते हैं। इतना ही नहीं लहसुन के एंटीबैक्टीरियल गुण इम्यूनिटी को भी बढ़ाते हैं। आधी चम्मच लहसुन, एक कप दूध और चार कप पानी को एक साथ मिलाकर उबालें। इसे तब तक उबालें जब तक यह मिश्रण एक चौथाई रह जाए। इस मिश्रण को दिन में तीन बार पीएं।

4. केला (Banana)- केला पोषक तत्वों और कैल्शियम का बहुत अच्छा स्त्रोत है। यह टीबी के मरीज का इम्यून सिस्टम बढा़ने में सहायक है। इसके साथ ही बुखार और कफ से भी राहत देता है। एक पके हुए केले को एक कप नारियल के पानी में मसलकर मिलाएं। इसके बाद इसमें दही और शहद मिलाएं। इसे दिन में दो बार खाएं। कच्चे केले का जूस बनाकर रोजाना पीएं। केले के तने का जूस बनाकर भी पीया जा सकता है।

5. अखरोट (Walnut)- अखरोट टीबी के मरीजों को ताकत देता है, उनकी इम्यूनिटी बढ़ाता है और जल्दी ठीक होने में भी मदद करता है। अखरोट के पाउडर में कुछ कली लहसुन की मिलाकर कुचल लें। इसमें क्लेरीफाइड मक्खन (clarified butter) मिलाकर खाएं। अखरोट को यूं भी खाया जा सकता है या इसके पाउडर को सलाद में डालकर खाएं।

6. संतरा (Orange)- संतरे में भी जरूरी मिनरल्स (minerals) और कंपाउंड (compound) होते हैं। संतरे में मौजूद सलाइन (salain) शरीर को इंफेक्शन से बचाता है साथ ही इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। ताजा संतरे के रस में थोड़ा सा नमक और शहद मिलाकर रोजाना सुबह शाम पीएं। संतरे को छीलकर उसकी स्लाइस पर भी नमक छिड़क कर खाया जा सकता है।

7. शरीफा (Custard apple)- टीबी के उपचार के लिए शरीफा भी बेहद फायदेमंद है। दो शरीफों का पल्प निकालकर उसे पानी में उबाल लें, इसके साथ पच्चीस किशमिश (kishmish) को भी उबाल लें। जब पानी एक तिहाई रह जाए तब इसे छानकर इसमें पाउडर शुगर मिलाएं। इस पेय में इलायची और दालचीनी मिलाकर दिन में दो बार पीएं।

पीले दाँत (Yellow Teeth)

उपचार

1. नींबू- (Lemon)
 

नींबू के प्राकृतिक ब्लीचिंग (natural bleach) के गुण दांतों पर भी असर दिखाते हैं। पीले दांतों के लिए नींबू के छिलके को दांतों पर रगड़ा जा सकता है, या नींबू के पानी से गरारे भी किए जा सकते हैं। नींबू के साथ नमक मिलाकर दांतों की मसाज करें। दो हफ्तों तक रोजाना दो बार करने से दांत चमकने लगेंगे।

2. नमक- (Salt)


नमक को पुराने समय से ही दांतो की सफाई के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह दांतों के खोए मिनरल्स लौटाता है जिससे दांतों का सफेद रंग बना रहता है। रोजाना सुबह टूथपेस्ट की तरह नमक को दांतों की सफाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। नमक को चारकोल में मिलाकर भी दांतों की सफाई की जा सकती है जिससे दांत सफेद होते हैं। नमक और बेकिंग पाउडर मिलाकर भी मंजन तैयार किया जा सकता है।

3. तुलसी- (Basil)


तुलसी में भी दांतों को सफेद बनाने का गुण होता है। इसके साथ ही तुलसी पायरिया आदि से भी दांतों की रक्षा करती है।तुलसी के पत्तों को सुखाकर पाउडर बना लें। इस पाउडर को रोजाना इस्तेमाल करने वाले टूथपेस्ट में मिलाकर दांतों की सफाई करें।तुलसी के पत्तों का पेस्ट बनाकर उसमें सरसों का तेल (mustard oil) मिलाएं। इस पेस्ट से दांतों की सफाई करने पर भी बहुत फायदा होता है।

4. बेकिंग सोडा- (Baking Soda)


बेकिंग सोडा दांतों को सफेद बनाने का सबसे आसान तरीका है। यह दांतों से प्लाक को खत्म करके दांतों की सफेदी और चमक बनाए रखता है। रोज ब्रश करते समय अपने पेस्ट में थोड़ा सा बेकिंग पाउडर डालें और ब्रश करें। दांतों की सफेदी लौट आएगी। एक कप पानी में बेकिंग सोडा और हाइड्रोजन पर ऑक्साइड (hydrogen peroxide) मिलाकर माउथ वॉश (mouthwash) की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

5. संतरे का छिलका- (Peel of Orange)


संतरे के छिलके से रोज दांतों की सफाई करने से कुछ ही दिनों में पीले दांत चमकने लगेंगे। रोज रात को सोते समय संतरे के छिलके को दांतों पर रगड़ें। संतरे के छिलके में विटामिन सी (vitamin c) और कैल्शियम के साथ माइक्रोऑर्गेनिज्म (micro organism) होता है जो दांतों की मजबूती और चमक बनाए रखता है।

6. स्ट्रॉबेरी- (Strawberry)


स्ट्रॉबेरी में भी विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है जो कि दांतों को सफेद बनाने में सहायक है। स्ट्रॉबेरी के कुछ टुकड़ों को पीसकर, इस लेप को दांतों पर लगाकर मसाज करें। इसे दिन में दो बार करने से कुछ ही दिनों में पीले दांत सफेद होने लगते हैं।बेकिंग सोडा और स्ट्रॉबेरी के पल्प को मिलाकर भी दांतों पर रगड़ने से दांतों का पीलापन खत्म होता है।

सफेद बाल

उपचार

1. नारियल तेल (Coconut oil)- भृंगराज और अश्वगंधा की जड़ें बालों के लिए वरदान मानी जाती हैं। इनका पेस्ट नारियल के तेल के साथ बालों की जड़ों में लगाएं और 1 घंटे बाद गुनगुने पानी से अच्छी तरह से बाल धो लें। इससे भी बाल काले होते हैं।

2. तिल का तेल (Sesame oil)- सर्दियों में तिल अधिक से अधिक खाएं। तिल का तेल भी बालों को काला करने में मदद करता है।

3. काली मिर्च (Black pepper)- आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नींबू रस मिलाकर बालों में लगाए। 15 मिनट बाद बाल धो लें। सफेद बाल फिर से काले होने लगेंगे।

4. कच्चा पपीता (Raw papaya)- सप्ताह में कम से कम 3 दिन दस मिनट तक कच्चे पपीते का पेस्ट सिर में लगाएं। इससे बाल नहीं झड़ेंगे और काले भी होने लगेंगे।

5. अदरक (Ginger)- अदरक को कद्दूकस कर शहद में मिला लें। इसे बालों पर कम से कम सप्ताह में दो बार नियमित रूप से लगाएं। बालों का सफ़ेद होना कम हो जाएगा।

6. जैतून का तेल (Olive oil)- जैतून के तेल को हल्का गर्म करें। इसमें 4 ग्राम कपूर मिलाकर इस तेल से मालिश करें। इसकी मालिश से कुछ ही समय में रूसी खत्म हो जाएगी और बाल भी काले रहेंगे।

7. नींबू का रस (Lemon jiuce)- नींबू के रस में आंवला पाउडर मिलाकर उसे सिर पर लगाने से भी सफेद बाल काले हो जाते हैं।

8. देसी घी (Desi ghee)- प्रतिदिन शुद्ध घी से सिर की मालिश करने से भी सफेद बाल काले होते हैं।

9. प्याज का रस (Onion juice)- कुछ दिनों तक, नहाने से 1/2 घंटा पहले रोजाना सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं। इससे बाल काले होने लगेंगे।

10. आंवला (Aamla)- आंवले के पाउडर में नींबू का रस मिलाकर उसे नियमित रूप से लगाएं। शैंपू के बाद आंवला पाउडर पानी में घोलकर लगाने से भी बालों की कंडीशनिंग होती है, और बाल भी काले होते हैं। आंवला किसी ना किसी रुप मे सेवन भी अवश्य करते रहें।

मुंहासे (Pimples)

उपचार

1.बर्फ (Ice)


बर्फ मुंहासों की सूजन और लालिमा को जल्द से जल्द ठीक करने का गुण रखती है। बर्फ प्रभावित क्षेत्र में रक्त परिसंचरण (blood circulation) दुरूस्त करती है जिससे त्वचा के कस जाते हैं और त्वचा पर मौजूद गंदगी और तेल साफ हो जाता है। उपचार के लिए किसी पतले कपड़े में बर्फ का टुकड़ा लेकर प्रभावित स्थान की सिकाई करें।

2.पपीता (Papaya)

पपीता, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ए का उच्च स्त्रोत है। पपीते में मौजूद एंजाइम चेहरे पर मौजूद मुंहासों की सूजन को कम करके चेहरे को चिकना बनाते हैं। उपचार के लिए पपीते को क्रश करके चेहरे पर फेस मास्क की तरह लगाएं और तकरीबन 15 मिनट बाद चेहरा धो दें। इसके अलावा पपीते में शहद मिलाकर भी चेहरे पर लगाया जा सकता है।

3.नींबू (Lemon)

नींबू में मौजूद विटामिन सी मुंहासों को जल्दी सूखने में मदद करता है। उपचार के लिए रूई को नींबू के रस में भिगोकर प्रभावित स्थान पर लगाएं या दालचीनी पाउडर में नींबू के रस की कुछ बूंदे मिलाकर रात में प्रभावित स्थान पर लगाकर सो जाएं। सुबह गुनगुने पानी से चेहरा साफ करें।

4.लहसुन (Garlic)

लहसुन एक एंटीसेप्टिक,  एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल एजेंट है। लहसुन में मौजूद सल्फर (Sulphar) भी मुंहासों को जल्दी ठीक करने के लिए उपयोगी है। उपचार के लिए लहसुन की कली को दो टुकड़ों में काटकर मुंहसों पर रगड़ें और पांच मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद चेहरा धो लें।

5.शहद (Honey)

शहद भी मुंहासों को जल्द से जल्द ठीक करने का गुण रखता है साथ ही, यह एंटीबायोटिक दवाओं का भी एक स्त्रोत है,  इसलिए इसमें बैक्टीरिया को मारने की भी क्षमता होती है। उपचार के लिए रूई में थोड़ा सा शहद लेकर प्रभावित स्थान पर लगाएं और तकरीबन आधे घंटे के लिए छोड़ दें। शहद में दालीचीनी का पाउडर मिलाकर भी लगाया जा सकता है।

6.खीरा (Cucumber)

खीरा में मौजूद पोटेशियम के कारण खीरा लगाने से त्वचा को ठंडक मिलती है। खीरा में विटामिन ए, ई और सी भी मौजूद होते हैं। उपचार के खीरा को पीसकर, उसे चेहरे पर लेप की तरह लगाएं। तकरीबन 15 मिनट बाद चेहरा धो लें। इससे चेहरे के पोर्स की सफाई होगी साथ ही त्वचा के बैक्टीरिया भी खत्म होंगे।

7.दालचीनी पाउडर (Cinnamon Powder)

दालचीनी पाउडर भी मुंहासों के इलाज के लिए बेहद अच्छी घरेलू दवा है। दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। दालचीनी को सेब के सिरका के साथ मिलाकर मुंहासों पर लगाने से मुंहासे ठीक होते हैं। दालचीनी के साथ शहद मिलाकर भी चेहरे पर लगाया जा सकता है।

सर्दी और कफ (Cough And Cold)

घरेलू उपाय

1. अदरक (Ginger)- अदरक को घिसकर या छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर एक कप पानी में डालकर उबाल लें। दिन भर में तीन से चार बार इस घोल को पीएं। शहद और नींबू को अदरक के रस में मिलाकर पीने से भी कफ की शिकायत दूर होती है।

2. नींबू (Lemon)- एक चम्मच शहद में दो चम्मच नींबू का रस मिलाकर गर्म कर लें। दिन भर में कई बार इस घोल को दवा की तरह लेते रहें।

3. सेब का सिरका (Apple cider vinegar)- सेब का सिरका हर तरह की खाँसी के लिए अच्छा है। 2 बड़ा चम्मच सिरका 10 तोला पानी में मिलाकर गरम करें। इसमें एक चम्मच शहद डालकर पीएं। खांसी में राहत पाने का कारगर उपाय है।

4. तुलसी के पत्ते और शहद (Honey and basil leaves)- धुले हुए तुलसी के कुछ पत्तों को कूट कर उसका रस निकालें और उसमे शहद मिलाएं। अब इसे चम्मच में गरम करके दिन में 3-4 बार लें, इस घरेलू उपाय से खांसी में जल्दी आराम मिलता है।

5. लहसुन (Garlic)- लौंग के तेल और शहद में लहसुन की दो से तीन कली को पीस कर मिला लें। दिन भर में कई बार थोड़ी थोड़ी मात्रा में इसका सेवन करते रहें।

6. प्याज (Onion)- एक चम्मच शहद में आधा चम्मच प्याज का रस लें और इसको मिलाकर दिन भर में कम से कम दो बार अवश्य सेवन करें। कफ और गले की खराश से राहत मिलेगी।

7. हल्दी (Turmeric)- आधा कप गर्म पानी को उबाल लें फिर उसमें एक चम्मच काली मिर्च पाउडर (black pepper powder), एक चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाएं। अब इस मिश्रण को दो से तीन मिनट तक उबाल लें और नियमित तौर पर काढ़े की तरह पीएं।

8. शहद (Honey)- शहद गले को आराम पहुंचाने के लिए एक पारंपरिक उपाय है। एक गिलास गर्म पानी में शहद और नींबू का रस मिलाकर दिन में तीन बार पीने से खाँसी से राहत मिलती है।

9. गर्म तरल पदार्थ पीएं (Drink warm liquids)- गर्म पानी पीएं ये गले की सूजन (throat sweeling) के लिए फायदेमंद है। आप चाहें तो कोई अन्य गरम पदार्थ भी पी सकते हैं।

बुखार (Fever)

उपचार

1.तुलसी (Basil)


तुलसी बुखार में शरीर के तापमान को कम करने में बहुत सहायक है। यह हर्ब बाजार में मौजूद अन्य एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) की तरह ही कार्य करती है और प्रभावी भी है।

बुखार को ठीक करने के लिए तुलसी की बीस पत्ती और एक चम्मच कसा हुआ अदरक लेकर एक कप पानी में उबालें। ठंडा करके इसमें शहद मिलाएं और पी लें। इस विधि को दिन में दो बार करें।

तुलसी की पत्ती और काली मिर्च पाउडर को मिलाकर भी चाय बनाई जा सकती है जिससे शरीर का तापमान कम होता है। इस चाय को दिन में दो से तीन बार पी सकते हैं।

2.सेब साइडर सिरका (Apple Cider Vinegar)

सेब साइडर सिरका भी बुखार के लिए बेहद सस्ती और प्रभावी दवा है। सेब साइडर सिरका बुखार को तेजी से कम करता है क्योंकि इसमें मौजूद एसिड गर्माहट को शरीर की त्वचा से बाहर कर देता है। साथ ही इसमें  मौजूद मिनरल शरीर को बुखार से दूर भी रखते हैं।

किसी कपड़े को एक भाग सिरका और दो भाग पानी लेकर उसमें भिगोएं। अतिरिक्त पानी को निचोड़ दें और इस पट्टी को माथे और पेट पर रखें। एक पट्टी पैर के तलवों पर भी रखी जा सकती है। जैसे ही कपड़ा गरम हो जाए, दोबारा सोल्यूशन में डुबाएं और प्रक्रिया को दोहराएं।

3.लहसुन (Garlic)

लहसुन की गर्म तासीर भी शरीर में पसीना लाकर, शरीर का तापमान कम कर सकती है। यह शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालने में सहायक है। इतना ही नहीं लहसुन एंटीफंगल (antifungal) और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरा है जो शरीर को इम्यूनिटी (Immunity) देता है।

लहसुन की एक कली को पीसकर गरम पानी में मिलाएं। 10 मिनट ढक कर रखें। पानी को छान लें और घूंट-घूंट करके धीरे-धीरे पीएं। एक दिन में इस पेय को दो बार पीएं। अगले ही दिन आप बुखार से राहत महसूस करेंगे।

दो चम्मच ओेलिव ऑयल (Olive Oil) में दो कली लहसुन की डालकर भूनें। इस तेल को ठंडा करके पैर के तलवों  में लगाएं।

4.किशमिश (Raisin)

किशमिश शरीर के इंफेक्शन से लड़ने और बुखार से राहत देने की क्षमता रखती है। किशमिश में फीनोलिक सायेटोन्यूट्रीयेंट (Phenolic Phytonutrients) और एंटीऑक्सीडेंट (Antioxident) गुण होते हैं।

आधे कप पानी में एक घंटे के लिए 25 किशमिश भिगााएं, जब तक कि किशमिश नरम हो जाएं। किशमिश को पानी के अंदर ही मसल दें और पानी को छानकर अलग कर लें। इस जूस में आधे नींबू का रस मिलाएं। मित्रण को एक दिन में दो बार पीएं।

5.अदरक (Ginger)


अदरक में शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के गुण होते हैं। यूं भी अदरक प्राकृतिक रूप से एंटी वायरल (Anti Viral) और एंटीबैक्टीरियल (Anti Becterial) एजेंट से भरपूर होता है।

पानी में अदरक डालकर उबालें और उसे ठंडा करके छानकर उसमें, शहद मिलाकर पी लें। इस तरह से बनी चाय को दिन में तीन से चार बार पिया जा सकता है।

दांत का दर्द (Toothache)

घरेलू उपाय

1. लौंग- यदि दांत में दर्द हो तो लौंग का तेल रूई में भिगोकर दांत पर लगाइए। कोशिश कीजिए कि तेल मसूड़ों पर न लगे क्योंकि इससे हल्की जलन महसूस हो सकती है।

2. एल्कोहल- जी हां आपने ठीक पढ़ा एल्कोहल। एक सिप एल्कोहल से कुल्ला करने पर भी दर्द में आराम मिलता है। इससे दर्द वाला हिस्सा सुन्न हो जाता है। लेकिन स्थाई यह इलाज नहीं है।

3. कच्ची प्याज- कच्ची प्याज को 3 मिनट तक दर्द वाले हिस्से पर रगड़ें, इससे भी दर्द में बहुत आराम मिलता है।

4. लहसुन- लहसुन की कली को चबाकर उसके रस को लार के साथ मिलकार कुल्ला करें। कुछ ही सेकेंड में दर्द में आराम मिलेगा।

5. विक्स- विक्स को अपने चेहरे के उस हिस्से की तरफ लगाइए जिस तरफ दांत में दर्द हो। इसके बाद चेहरे को ढंक लें। इससे दर्द में आराम मिलता है।

6. आइस- बर्फ के टुकड़े से सिकाई करने पर भी दांत दर्द में बेहद आराम मिलता है।

7. काली मिर्च- काली मिर्च के पाउडर को मसूड़ों पर रगड़ने से भी दर्द का हिस्सा सुन्न हो जाता है और दर्द में आराम मिलता है।


गले की खराश (Sore Throat)

उपाय

1. भाप लेना (Steaming)- कई बार गले के सूखने के कारण भी गले में इंफेक्शन की शिकायत होती है। ऐसे में किसी बड़े बर्तन में गरम पानी करके तौलिया से मुंह ढककर भाप लें। ऐसा करने से भी गले की सिकाई होगी और गले का इंफेक्शन भी खत्म होगा। इस क्रिया को दिन में दो बार किया जा सकता है।

2. लाल मिर्च (Red chilli)- गले की खराश को ठीक करने के लिए लाल मिर्च भी बेहद फायदेमंद है। उपचार के लिए एक कप गरम पानी में एक चम्मच लाल मिर्च और एक चम्मच शहद मिलाकर पीएं।

3. गरम पानी और नमक के गरारे (Gargle of warm water and salt)- जब गले में खराश होती है तो श्लेष्मा झिल्ली (mucous membrane) की कोशिकाओं में सूजन हो जाती है। नमक इस सूजन (swelling) को कम करता है जिससे दर्द में राहत मिलती है। उपचार के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच नमक मिलाकर घोल लें और इस पानी से गरारे करें। इस प्रक्रिया को दिन में तीन बार करें।

4. लहसुन (Garlic)- लहसुन इंफेक्शन (infection) पैदा करने वाले जीवाणुओं को मार देता है। इसलिए गले की खराश में लहसुन बेहद फायदेमंद है। लहसुन में मौजूद एलीसिन (allicin) जीवाणुओं को मारने के साथ ही गले की सूजन और दर्द को भी कम करता है। उपचार के लिए गालों के दोनों तरफ लहसुन की एक एक कली रखकर धीरे धीरे चूसते रहें। जैसे जैसे लहसुन का रस गले में जाएगा वैसे वैसे आराम मिलता रहेगा। लहसुन का रस निकालने के लिए बीच बीच में दांतों से कुचलते रहें।

5. लौंग (Laung or Clove)- लौंग का इस्तेमाल उपचार के लिए सदियों से होता आ रहा है। गले की खराश के उपचार के लिए लौंग को मुंह में रखकर धीरे धीरे चबाना चाहिए। लौंग एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है जो गले के इंफेक्शन और सूजन को दूर करती है।

6. अदरक (Ginger)-
अदरक भी गले की खराश की बेहद अच्छी दवा है। अदरक में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण गले के इंफेक्शन और दर्द से राहत देते हैं। गले की खराश के उपचार के लिए एक कप पानी में अदरक डाल कर उबालें। इसके बाद इसे हल्का गुनगुना करके इसमें शहद मिलाएं। इस पेय को दिन में दो से तीन बार पीएं। गले की खराश से आराम मिलेगा।

7. बेकिंग सोडा (Baking soda)- गले की खराश दूर करने के लिए बेकिंग सोडा की चाय बेहद फायदेमंद है। कारण, बेकिंग सोडा में एंटी बैक्टीरियल (antibacterial) गुण होते हैं जो कि जीवाणुओं को नष्ट कर देते हैं। इसके लिए एक गिलास गरम पानी में बेकिंग सोडा और नमक मिलाकर दिन में तीन बार गरारे करें।

मलेरिया (Malaria)

उपचार

1. शहद (Honey)- एक गिलास पानी लें। इसमें एक चम्मच दालचीनी, एक चम्मच शहद और आधा चम्मच काली मिर्च का पाउडर मिलाकर गर्म करें। ठंडा होने पर पीएं, यह अत्यंत लाभकारी नुस्खा है।

2. ठंडी पट्टी रखें (Cold compress)- तेज बुखार की हालत में माथे पर ठंडे पानी की पट्टी रखने से तापमान नीचे आ जाता है। ठंडे पानी में गीला किया टावेल सारे शरीर पर लपेटने से तुरंत लाभ मिलता है।

3. प्याज का रस (Onion juice)- प्याज का रस मलेरिया में लाभकारी है। 5 मिली रस में 4 काली मिर्च का पाउडर मिलाकर दिन में 3 बार पीने से लाभ होता है।

4. धतूरा (Dhatoora)- धतूरा की नई कोपल 2 नग लेकर गुड़ के साथ अच्छी तरह मिलाकर इसकी गोली बना लें। इन्हें दिन में 2 बार लेने से मलेरिया खत्म हो जाता है।

5. नींबू (Lemon)- गरम पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से बुखार की तीव्रता घटने लगती है।

6. फिटकरी (Alum)- थोडी सी फ़िटकरी तवे पर भूनकर चूर्ण बना लें। आधा चम्मच पाउडर बुखार आने के 3 घंटे पहले पानी से पीएं। बाद में हर दूसरे घंटे पर यह दवा लेते रहने से बुखार खत्म होता है।

7. तुलसी पत्ता (Basil leaves)- जब बुखार न हो, 10 ग्राम तुलसी के पत्तों के रस में आधा चम्मच काली मिर्च का पाउडर मिलाकर चाट लें। इससे मलेरिया बुखार खत्म हो जाता है।

8. अन्न न खाएं (Avoid solid food)- मलेरिया होने पर अन्न न खाएं। केवल फल और पानी लेते रहें। ऐसा करने से बुखार से जल्दी लाभ मिलता है।

9. अदरक (Ginger)- एक गिलास पानी में 10 ग्राम अदरक और 10 ग्राम मुनक्का डालकर इतना उबालें कि आधा रह जाय। ठंडा होने पर पीएं।

10. चूना (Chuna)- तीन ग्राम चूना लें, इसे 60 मिली पानी में घोलें। एक नींबू इसमें निचोड़ें। मलेरिया बुखार की संभावना होने पर यह मिश्रण पीएं। यह नुस्खा प्रतिदिन लेने से बुखार से राहत मिलती है।

11. चिरायता- (Chirata)- चिरायता मलेरिया बुखार की सबसे असरदायक औषधि मानी गई है। एक पाव गरम पानी में 15 ग्राम चिरायता मिलाएं, कुछ लौंग और दालचीनी भी मिला दें। इस पानी के इस्तेमाल से भी मलेरिया बुखार उतरने लगता है।

12. अमरूद (Guava)- एक बड़ा अमरुद गरम राख में भून लें। यह अमरूद खाना भी, मलेरिया रोगी के लिए लाभकारी है।

13. जामुन (Black berry)- जामुन के पेड़ की छाल सुखाकर पीस लें। 5 ग्राम चूर्ण, गुड़ के साथ दिन में 3 बार लेने से मलेरिया से राहत मिलती है।

मुंह आना

उपचार

1. जटामांसी : मुंह में छाले होने पर जटामांसी के टुकड़े को मुंह में रखकर चूसते रहने से मुंह की जलन एवं पीड़ा कम हो जाती है।

2. कंटकारी : मुंह में छाले व पीड़ा होने पर कंटकारी (भटकटैया, रेंगनी कांट) के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से लाभ होता है।

3. आक का दूध : आक के दूध को शहद में मिलाकर मुंह के छालों में लगाने से आराम मिलता है।

4. सहजना (मुनगा) : सहजना की छाल का काढ़ा बनाकर गरारा करने से मुंह के छाले और पीड़ा आदि खत्म हो जाते हैं।

5. गुग्गुल : गुग्गुल को मुंह में रखने से या गर्म पानी में घोलकर दिन में 3 से 4 बार कुल्ला व गरारे करने से मुंह के अंदर के घाव, मुंह की जलन व छाले ठीक हो जाते हैं।

6. हीरा बोल : हीरा बोल को पानी में घोलकर इसके घोल से बार-बार कुल्ला करने से मुंह के छाले जल्द ठीक हो जाते हैं।

7. लालमरसा : लालमरसा का साग खाने से या इसके पत्तों को चबाने से मुंह के छाले व घाव नष्ट हो जाते हैं।

8. कुन्दरु (कुन्दरी) : मुंह व जीभ के छालों में कुन्दरु (कुन्दरी) फल को चबाने से रोग में लाभ होता है।

9. हरीतकी : हरीतकी का काढ़ा बनाकर तैयार काढ़े को मुंह में रखकर गरारे करने से मुंह के घाव व छाले ठीक हो जाते हैं।

10. श्वेतगुंजा (करजनी) : श्वेतगुंजा (करजनी) के पत्तों को चबाकर चूसते रहने से मुंह के छालों में आराम मिलता हैं।

11. रोहिनी (मांस रोहिनी) : रोहिनी (मांस रोहिनी) की छाल का काढ़ा बनाकर रोजाना 2 बार कुल्ला करने से मुंह व जीभ के छाले खत्म हो जाते हैं।

12. धमासा : मुंह में छाले व घाव होने पर धमासा का काढ़ा बनाकर दिन में 3 से 4 बार कुल्ला करने से मुंह से पीब आना, छाले व घाव ठीक हो जाते हैं।

13. गुलकन्द : गुलकन्द (गुलाब पंखड़ियों से बना) को मुंह के छाले व घाव पर लगाने से मुंह के छालों में आराम मिलता है।

14. कदम : मुंह के रोग में कदम की छाल या पत्तों का काढ़ा बनाकर रोजाना 2 से 3 बार गरारा करने से रोग में आराम मिलता है।

15. गुड़हल : मुंह के रोग में अड़हुल के फूल या पत्तों को चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।

16. पीपलवृक्ष : पीपलवृक्ष की छाल के काढ़ा से गरारे व कुल्ला करने से मुंह के घाव व छाले ठीक हो जाते हैं।

17. पाकर (पासर) : पाकर की छाल के काढ़े से दिन में 2-3 बार गरारे करने से मुंह के छालों के रोग में आराम मिलता है।

18. बबूल : बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर दिन में 2 से 3 बार गरारे करने से मुंह के छाल ठीक हो जाते हैं।

19. मोखा (एकसिरा) : मोखा का क्षार (रस) लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में रोजाना सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करने से मुंह के जख्म और छाले आदि समाप्त हो जाते हैं।

20.  जारुल : मुंह में छाले, घाव आदि होने पर जारुल का फल चबाने से लाभ होता है।

21. तेन्दू : तेन्दू के फल को फांट (पानी में फेंटकर) से कुल्ला करने से मुंह के छालों में लाभ होता है।

22. विडंगभेद : विडंगभेद के पत्तों को सौंठ के साथ मिलाकर काढ़ा बना लें। इस 40 मिलीलीटर काढ़े को खुराक के रूप में रोजाना सुबह-शाम कुल्ला व गरारा करने से मुंह आने का रोग (छाले) ठीक हो जाता है।

अनिद्रा (Insomnia)

उपचार

1.हरी साग और सब्जी ज्यादा मात्रा में खाएं (Eat green vegetables more)

हरी साग और सब्जी शरीर के लिए ही नहीं नींद के लिए भी जरुरी है। खासकर जिन सागों के पत्ते बड़े हों और उसमें लिसलिसापन हो तो यह नींद आने में काफी मदद करता है। पोरो और पालक के साग नियमित रुप से खाएं, इससे बेहतर नींद आएगी।

2.मैग्नीशियम और कैल्शियम (Magnesium and calcium)

मैग्नीशियम और कैल्शियम दोनों को ही नींद बढ़ाने वाली केमिकल कही जाती है। जब यह दोनों साथ में ली जाए तो और असरदार होती है। मैग्नीशियम खाने से दिल की बीमारी का खतरा भी कम हो जाता है। रात में 200 Mg मैग्नीशियम(ज्यादा मात्रा न लें, डायरिया हो सकता है) और 600 mg  कैल्शियम निश्चित रुप से खाएं, बेहतर नींद आएगी।

3.जंगली सलाद पत्ता या काहू (Wild Lettuce)

अगर आपको टेशन, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द की शिकायत रहती होगी तो आप जंगली सलाद पत्ता को जरुर जानते होंगें। यह शरीर की थकावट, डिप्रेशन और अनिदा में भी काफी असरदार होती है। सोने से पहले इसे पैरों में 30 से 120 मिली ग्राम लगा लें, थकावट गायब हो जाएगी और चैन की नींद आ जाएगी।


4.एरोमाथेरेपी (Aromatherapy)

सुगंध का मस्तिष्क से गहरा संबध है। बहुत सारे लोग अपने बेड पर तकिए के नीचे चमेली के फूल रख कर सोते हैं। कई लोग अपने बालकनी में रजनीगंधा या इसी तरह के सुगंधित फूलों के पौधे लगा कर रखते हैं ताकि इसके सुगंध से रात में बेहतर नींद आ सके। लेवेंडर के फूल भी काफी असरदार होते हैं अनिदा के मरीजों के लिए। तकिए के नीचे इसके फूल रख देने से सुगंध पूरे कमरे में फैल जाती है और नींद बेहतर आती है।

5.योग और ध्यान (Yoga or meditation)

योग और ध्यान को नियमित अभ्यास में लाएं। योग में ज्यादा कठिन आसन नहीं करने हैं, साधारण आसन जिससे मन को शांति मिले वही करें। बेड पर जाने, पहले 5 से 10 मिनट ध्यान करें। ध्यान के दौरान कहीं भटके नहीं और मन को सिर्फ अपनी सांस पर एकाग्र करें। रात में बेहतर नींद आएगी।


6.सोने से एक घंटा पहले कमरे की लाइट हल्की कर लें।
7.सोते समय अच्छी और सकारात्मक बातें सोचें।
8.रात में सोने से पहले दूध पिएं, जिससे अच्छी नींद आएगी। चाय-कॉफी की मात्रा को सीमित करें और दिन भर में दो-तीन बार से ज्यादा इनका सेवन न करें।
9.समय पर सोने और जागने की आदत डालें।
10.अच्छे दोस्त बनाएं। अकेलेपन से दूर रहें।
11.यदि कोई चीज़ आपको परेशान कर रही है और आप उसके बारे में सही तरीके से नहीं सोच पा रहे हों तो अपनी समस्या को सोने से पहले कागज़ पर लिख लें और स्वयं से कहें कि कल आप इस समस्या से निपटेंगे।
12.अगर आप सो नहीं पाते हैं तो उठ जाएं और कुछ ऐसा करें जिससे आपको हल्का महसूस हो, जैसे – पढ़ना, टीवी देखना या हल्का संगीत सुनना और जब आप थकान महसूस करें तो फिर से सोने जाएं।

कमर दर्द (Back Pain)

लक्षण

1.नसों पर दबाव के कारण कमर दर्द, पैरों में दर्द या पैरों, एडी या पैर की अंगुलियों का सुन्न होना,
2.पैर के अंगूठे या पंजे में कमजोरी,
3.रीढ के निचले हिस्से में असहनीय दर्द,
4.समस्या बढने पर पेशाब और मल त्यागने में परेशानी

उपचार

1. मसाला चाय (Tea)- चाय बनाने में 5 कालीमिर्च के दाने, 5 लौंग पीसकर और थोड़़ा सा सूखे अदरक का पाउडर डालें। दिन मे दो बार इस तरह की मसाला चाय पीएं। मसाला चाय पीते रहने से कमर दर्द में लाभ होता है।

2. शरीर को गर्म रखें (Warm Body)- कमर दर्द पुराना हो तो शरीर को गर्म रखें और गरम वस्तुएं खाएं। ऐसा करने से कमर दर्द में बेहद राहत मिलती है। सर्दियों में दर्द ज्यादा हो तो ध्यान रखें कि दर्द वाला हिस्सा हवा के संपर्क में न आए।

3. गूगुल (Benzoin)- गूगुल कमर दर्द में बेहद राहत देता है। कमर दर्द में उपचार के लिए गूगुल की आधा चम्मच गरम पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करें। ऐसा करने से कमर दर्द में आराम मिलता है।

4. घुटने मोड़ें (Band knee)- नीचे रखी कोई वस्तु उठाते वक्त पहले अपने घुटने मोड़ें फिर उस वस्तु को उठाएं। ऐसा करने से कमर पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा और कम तकलीफ होगी।

5. सख्त बिस्तर (Tough Bedding)- सख्त बिस्तर पर सोने से भी कमर दर्द में बेहद आराम मिलता है। ऐसा करने से कमर समतल रहती है और पूरी कमर पर समान दबाव पड़ता है। औंधे मुंह पेट के बल सोना भी हानिकारक है।

6. दालचीनी (Cinnamon)- 2 ग्राम दालचीनी का पाउडर एक चम्मच शहद में मिलाकर दिन में दो बार लेते रहने से कमरदर्द में राहत मिलती है।

7. लहसुन (Garlic)- भोजन में लहसुन का पर्याप्त उपयोग करें। लहसुन कमर दर्द का अच्छा उपचार माना गया है। लहसुन के प्रयोग से पुराने से पुराना कमर दर्द भी ठीक होने लगता है।

कब्ज (Constipation)

उपचार

1.एक चुटकी काला नमक गुनगुने पानी में डालें और उसे सुबह खाली पेट पीकर 15 मिनट तक चहलकदमी करें, कब्ज़ में अवश्य ही राहत मिलेगी।
2.अपने भोजन में मोटे अनाज (Bran) का समावेश करें। मौसम के अनुसार उपलब्ध सलाद को शामिल करने से कब्ज और पेट की दूसरी तमाम समस्याओं से स्थाई रूप से छुटकारा पाया जा सकता है।
3.अलसी के बीज (Flaxseed) का सेवन भी कब्ज़ से आराम दिलाता है। अलसी के बीज को सुबह कॉर्नफ्लेक्स (Cornflax) के साथ मिलाकर खा सकते हैं या फिर मुट्ठी भर अलसी के बीज को गर्म पानी के साथ सुबह खा सकते हैं।
4.किशमिश फाइबर(Fiber) से भरपूर होती है और प्राकृतिक जुलाब की तरह काम करती है। १०-१२-किशमिश को रात में पानी में भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट खाएं। गर्भावस्था (Pregnancy) में महिलाओ को अक्सर कब्ज़ की शिकायत रहती है, गर्भवती महिलाओं (Pregnant Females)के लिए यह बहुत लाभकारी उपाय है।
5.अमरूद (Gauva) भी कब्ज़ में बहुत राहत पहुँचाता है। इसके गूदे और बीज में फाइबर की उचित मात्रा होता है। इसके सेवन से खाना जल्दी पच जाता है और एसिडिटी (Acidity) से भी राहत मिलती है, साथ ही पेट भी साफ हो जाता है।

चक्कर आना

उपचार

1. लौंग : 2 लौंग को 2 कप पानी में डालकर उबालकर पीने से चक्कर आना बन्द होते हैं।

2. मुनक्का : लगभग 4 या 5 मुनक्के को पानी में मथकर पीने से चक्कर आना बन्द हो जाते हैं।

3. सौंफ : सौंफ को पीसकर सिर पर लगाने से गर्मी के कारण आने वाले चक्कर और सिर दर्द ठीक हो जाते हैं।

4. हल्दी : कच्ची (ताजी) हल्दी पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से चक्कर आना बन्द हो जाते हैं।

5. प्याज :
प्याज के रस को सूंघने से चक्कर आना ठीक हो जाता है।

6. नींबू :
एक कप गर्म पानी में लगभग 2 चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीने से चक्कर आना बन्द होता है।

7. इलायची : छोटी इलायची के काढ़े को गुड़ में मिलाकर सुबह-शाम पीने से बार-बार चक्कर आना बन्द हो जाता है।

8. बच : लगभग 5-5 ग्राम की मात्रा में बच, तोरई और सोंठ कूटकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में लगभग 5 ग्राम अफीम मिलाकर पानी में पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाएं। इससे बार-बार चक्कर आने की परेशानी दूर हो जाती है।

9. कॉफी : समुद्र यात्रा के दौरान होने वाली उल्टियों और चक्करों से बचने के लिए जहाज में सवार होने के लगभग एक घंटे पहले तेज कॉफी पीना चाहिए तथा बोतल में काफी भरकर अपने साथ रखना चाहिए ताकि यात्रा के समय कॉफी पी सकें। इससे समुद्री यात्रा के दौरान आने वाले चक्कर बन्द होते हैं।

10. .इमली : लगभग 25 ग्राम बिना बीज की इमली को 125 मिलीलीटर पानी में एक घंटे तक भिगोने के बाद मसलकर इसमें खांड़ मिलाकर सुबह-शाम पीने से चक्कर आना बन्द हो जाता है।

11. हरड़ : हरड़ के एक मुरब्बा में लगभग 3 ग्राम धनिया और लगभग 1 ग्राम छोटी इलायची पीसकर मिलाकर सुबह-शाम खाने से चक्कर आना बन्द हो जाता है।

12. मेंहदी : मेंहदी के 3 ग्राम बीजों को शहद के साथ चाटने से लाभ होता है और इसके फूलों का काढ़ा बनाकर पीने से भी लाभ मिलता है। इस औषधि का सेवन करने के तुरन्त बाद ही गेहूं की रोटी, खांड़ और घी मिलाकर खाने से सिर का चकराने का रोग समाप्त हो जाता है।

13. हींग : घी में सेंकी हुई हींग को घी के साथ खाने से गर्भावस्था के दौरान आने वाले चक्कर और दर्द खत्म हो जाते हैं।

14. धनिया : आंवले और हरे धनिये के रस को पानी में मिलाकर पीने से चक्कर आना बन्द हो जाता है।

15. चीनी : चीनी और सूखा धनिया 2-2 चम्मच मिलाकर चबाने से चक्कर आना बन्द हो जाता है।

16. आंवला : यदि गर्मी के कारण चक्कर आते हों व जी मिचलाता हो तो आंवले का शर्बत पीना चाहिए।

17. मुनक्का : लगभग 20 ग्राम मुनक्का को घी में सेंककर सेंधानमक डालकर खाने से चक्कर आने बन्द होते हैं।

18. भांगरा : भांगरा का रस 4 ग्राम, चीनी 3 ग्राम को मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से थोड़े ही दिनों में दुर्बलता दूर हो जाती है तथा चक्कर आने बन्द हो जाते हैं।