Tuesday 23 May 2017

Inder Kumar Gujral


पूरा नाम - इन्द्र कुमार गुजराल
जन्म - 4 दिसंबर, 1919
जन्म भूमि - पंजाब के प्रांत झेलम
पिता - अवतार नारायण गुजराल 
माता - पुष्पा गुजराल 

जन्म

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री इंद्रकुमार गुजराल का जन्म 4 दिसंबर को 1919 को झेलम में हुआ, जो अब पाकिस्तान में है। उनके पिता का नाम अवतार नारायण गुजराल और माता का नाम पुष्पा गुजराल था।उनके माता-पिता दोनों देश की आजादी की लड़ाई में शामिल हुए थे। 11 वर्ष की आयु में इंद्रकुमार गुजराल अपने भाई प्रसिद्ध चित्रकार सतीश और बहन उमा के साथ देश की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए। 1942 में वे भारत छोड़ो आंदोलन में जेल भी गए।

शिक्षा

इन्द्र कुमार गुजराल की शिक्षा दीक्षा डी०ए०वी० कालेज, हैली कॉलेज ऑफ कामर्स और फॉर्मन क्रिश्चियन कॉलेज लाहौर में हुई। उन्होंने बी.ए, एम.ए, पी.एच.डी और डी. लिट् की उपाधियां प्राप्त कीं। हिन्दी, उर्दू और पंजाबी भाषा में निपुण होने के अलावा वे कई अन्य भाषाओं के जानकार भी थे और शेरो-शायरी में काफी दिलचस्पी रखते थे।

राजनैतिक जीवन
इंद्रकुमार गुजराल के राजनीतिक जीवन की शुरुआत कॉलेज के दिनों में ही हो चुकी थी। वे लाहौर में स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद इंद्रकुमार गुजराल ने कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ले ली। कुछ समय तक गुजराल ने बीबीसी हिन्दी पर पत्रकार के रूप में भी काम किया। मात्र बारह वर्ष की आयु में उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेना शुरू कर दिया था। भारत छोड़ो आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका के चलते 23 वर्ष की आयु में उन्हें जेल भी जाना पड़ा। स्वतंत्रता के पश्चात केन्द्रीय राज्यमंत्री के रूप में कार्य करते हुए इन्होंने संचार एवं संसदीय कार्य मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, सड़क एवं भवन मंत्रालय तथा योजना एवं विदेश मंत्रालय के कार्य भी संभाले। यह कॉग्रेस पार्टी से लंबे समय तक जुड़े रहे तथा राजनायिक के रूप में इन्दिरा गांधी को भी अपनी सेवाएं प्रदान की। लेकिन जल्द ही इनका कॉग्रेस से मोह भंग हो गया और इन्होंने जनता दल की सदस्यता ले ली। और जल्द ही देवगौड़ा के इस्तीफे के बाद गुजराल को प्रधानमंत्री पद प्राप्त हो गया। प्रशासनिक कार्यों के अलावा इन्द्र कुमार गुजराल के पास शासन का भी अनुभव था जो उनके बहुत काम आया।

मृत्यु 

वे लम्बे समय से डायलिसिस पर चल रहे थे। 19 नवम्बर 2012 को छाती में संक्रमण के बाद उन्हें हरियाणा स्थित गुड़गाँव के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहाँ इलाज के दौरान ही उनकी हालत गिरती चली गयी। 27 नवम्बर 2012 को वे अचेतावस्था में चले गये। काफी कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। आखिरकार 30 नवम्बर 2012 को उनकी आत्मा ने उनका शरीर छोड़ दिया।

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