प्रथम पीढी (Frist Generations)
1942 – 1955
इस पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत बड़े होते थे | इसमें वैकयूम ट्यूब (Vacuum Tube ) लगे हुए थे| जिनके कारण यह कंप्यूटर बहुत गर्मी पैदा करते थे | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं था | इसमें चलाने वाले प्रोग्राम्स को पंचकार्ड में स्टोर करके रखा जाता था | इन कंप्यूटरों को चलाने के लिए मशीनी भाषा का उपयोग किया जाता था | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में डाटा स्टोर करने की क्षमता बहुत कम होती थी |
दूसरी पीढ़ी (Second Generation)
1956 - 1963
कंप्यूटर विकास की दूसरी पीढ़ी में ट्रांजिस्टर का आविष्कार हुआ | जिन्हें कंप्यूटर निर्माण में वैक्यूम टूयूब्स के स्थान पर उपयोग किया जाने लगा| ट्रांजिस्टर का आकार वैक्यूम टूयूब्स की तुलना में काफी छोटा होता है | जिससे कंप्यूटर छोटे कम गर्मी उत्पन्न करने वाले तथा अधिक कार्य
क्षमता व तेज गति के गणना करने में सक्षम थे |1942 – 1955
इस पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत बड़े होते थे | इसमें वैकयूम ट्यूब (Vacuum Tube ) लगे हुए थे| जिनके कारण यह कंप्यूटर बहुत गर्मी पैदा करते थे | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं था | इसमें चलाने वाले प्रोग्राम्स को पंचकार्ड में स्टोर करके रखा जाता था | इन कंप्यूटरों को चलाने के लिए मशीनी भाषा का उपयोग किया जाता था | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में डाटा स्टोर करने की क्षमता बहुत कम होती थी |
दूसरी पीढ़ी (Second Generation)
1956 - 1963
कंप्यूटर विकास की दूसरी पीढ़ी में ट्रांजिस्टर का आविष्कार हुआ | जिन्हें कंप्यूटर निर्माण में वैक्यूम टूयूब्स के स्थान पर उपयोग किया जाने लगा| ट्रांजिस्टर का आकार वैक्यूम टूयूब्स की तुलना में काफी छोटा होता है | जिससे कंप्यूटर छोटे कम गर्मी उत्पन्न करने वाले तथा अधिक कार्य
तीसरी पीढ़ी (Third generation)
1964-1975
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट यानि आईसी ने ले ली और इस प्रकार कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा हो गया, स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट के कारण इन कंम्यूटरों की गति माइक्रो सेकंड से नेनो सेकंड तक हो गयी। यह कंम्पयूटर छोटे और सस्ते बनने लगे और साथ ही उपयोग में भी आसान होते थे। इस पीढी में उच्च स्तरीय भाषा पास्कल और बेसिक का विकास हुआ।
चौथी पीढ़ी (Fourth generation)
1976-1989
इस पीढ़ी में माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग किया गया| अब कंप्यूटर की गति तेज हो गई और अब गर्मी पैदा होने का समस्या भी ख़त्म हो गई| इस पीढ़ी में LAN और WAN नेटवर्क का भी विकास हुआ | इस पीढ़ी में ऑपरेटिंग सिस्टम भी आ गया| चोथी पीढ़ी में ही पहली बार यूजर का परिचय ऑपरेटिंग सिस्टम से हुआ| इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम डॉस (CMD) का उपयोग किया गया| कुछ समय बाद इसमें माइक्रोसॉफ्ट का विंडो भी आया, तभी मल्टीमीडिया का भी विकास हो गया| इसी समय कंप्यूटर प्रोग्रामिंग C भाषा का भी विकास हुआ| इसकी मदद से अब प्रोग्रामिंग करना भी सरल हो गया|
पांचवीं पीढ़ी (Fifth Generation )
1989 से अब तक
Ultra Large-Scale Integration (ULSI) यूएलएसआई, ऑप्टीकल डिस्क जैसी चीजों का प्रयोग इस पीढी में किया जाने लगा, कम से कम जगह में अधिक डाटा स्टोर किया जाने लगा। जिससे पोर्टेबल पीसी, डेस्कटॉप पीसी, टेबलेट आदि ने इस क्षेञ में क्रांति ला दी। इंटरनेट, ईमेल, WWW का विकास हुआ। इसमें विडोंज के नये रूपों से परिचय हुआ, विकास अभी भी जारी है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) पर जोर दिया जा रहा है।
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