Monday, 22 January 2018

Upendranath Ashk


उपेन्द्रनाथ अश्क जी का जन्म पंजाब प्रान्त के जालंधर नगर में 14 दिसम्बर, 1910 को एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। अश्क जी छ: भाइयों में दूसरे हैं। इनके पिता 'पण्डित माधोराम' स्टेशन मास्टर थे। जालंधर से मैट्रिक और फिर वहीं से डी. ए. वी. कॉलेज से इन्होंने 1931 में बी.ए. की परीक्षा पास की। बचपन से ही अश्क अध्यापक बनने, लेखक और सम्पादक बनने, वक्ता और वकील बनने, अभिनेता और डायरेक्टर बनने और थियेटर अथवा फ़िल्म में जाने के अनेक सपने देखा करते थे।
उपेंद्रनाथ अश्क ने साहित्य की प्राय: सभी विधाओं में लिखा है, लेकिन उनकी मुख्य पहचान एक कथाकार के रूप में ही है। काव्य, नाटक, संस्मरण, उपन्यास, कहानी, आलोचना आदि क्षेत्रों में वे खूब सक्रिय रहे। इनमें से प्राय: हर विधा में उनकी एक-दो महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय रचनाएं होने पर भी वे मुख्यत: कथाकार हैं। उन्होंने पंजाबी में भी लिखा है, हिंदी-उर्दू में प्रेमचंदोत्तर कथा-साहित्य में उनका विशिष्ट योगदान है।

प्रकाशित रचनाएँ

उपन्यास : गिरती दीवारें, शहर में घूमता आईना, गर्म राख, सितारों के खेल, आदि
कहानी संग्रह : सत्तर श्रेष्ठ कहानियां, जुदाई की शाम के गीत, काले साहब, पिंजरा।
नाटक: लौटता हुआ दिन, बड़े खिलाडी, जय-पराजय, स्वर्ग की झलक, भँवर।
एकांकी संग्रह : अन्धी गली, मुखड़ा बदल गया, चरवाहे।
काव्य : एक दिन आकाश ने कहा, प्रातःप्रदीप, दीप जलेगा, बरगद की बेटी, उर्म्मियाँ।
संस्मरण: मण्टो मेरा दुश्मन, फिल्मी जीवन की झलकियाँ
आलोचना: अन्वेषण की सहयात्रा, हिन्दी कहानी: एक अन्तरंग परिचय

सम्मान और पुरस्कार

उपेन्द्रनाथ अश्क जी को सन् 1972 ई. में 'सोवियत लैन्ड नेहरू पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उपेन्द्रनाथ अश्क को 1965 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
 
निधन

उपेन्द्रनाथ अश्क जी का 19 जनवरी, सन् 1996 ई. में निधन हो गया था।

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