Sunday, 14 May 2017

Atal Bihari Vajpayee


पूरा नाम - अटल बिहारी वाजपेयी
जन्म -25 दिसम्बर 1924
जन्म भूमि - ग्वालियर
पिता - कृष्णा बिहारी वाजपेयी
माता - कृष्णा देवी

जन्म

अटल बिहारी वाजपेयी' का जन्म 25 दिसंबर 1924 ई० को भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित ग्वालियर के शिंदे की छावनी में हुआ था। इनके पिता श्री कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर में ही अध्यापन कार्य करते थे। अटलजी के दादा पं० श्याम लाल बिहारी वाजपेयी जाने-माने संस्कृत के विद्वान थे।

शिक्षा

वाजपेयी ने ग्वालियर के बारा गोरखी के गोरखी ग्राम की गवर्नमेंट हायरसेकण्ड्री स्कूल से शिक्षा ग्रहण की थी। बाद में वे शिक्षा प्राप्त करने ग्वालियर विक्टोरिया कॉलेज (अभी लक्ष्मी बाई कॉलेज) गये और हिंदी, इंग्लिश और संस्कृत में डिस्टिंक्शन से पास हुए। उन्होंने कानपूर के दयानंद एंग्लो-वैदिक कॉलेज से पोलिटिकल साइंस में अपना पोस्ट ग्रेजुएशन एम.ए में पूरा किया। इसके लिये उन्हें फर्स्ट क्लास डिग्री से भी सम्मानित किया गया था।

राजनैतिक जीवन


ग्वालियर के आर्य कुमार सभा से उन्होंने राजनैतिक काम करना शुरू किये, वे उस समय आर्य समाज की युवा शक्ति माने जाते थे। और 1944 में वे उसके जनरल सेक्रेटरी भी बने। 1939 में एक स्वयंसेवक की तरह वे राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गये। और वहा बाबासाहेब आप्टे से प्रभावित होकर, उन्होंने 1940-44 के दर्मियान आरएसएस प्रशिक्षण कैंप में प्रशिक्षण लिया और 1947 में आरएसएस के फुल टाइम वर्कर बन गये। अटल बिहारी वाजपेयी भारत के 10 वे पूर्व प्रधानमंत्री है। वे पहले 1996 में 13 दिन तक और फिर 1998 से 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री बने रहे। वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता है, भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के बाहर के इंसान होते हुए भारत की पांच साल तक सेवा करने वाले वे पहले प्रधानमंत्री हैं। इसके अलावा लोकसभा चुनावो में वाजपेयी जी ने नौ बार जीत हासिल की है। जब उन्होंने स्वास्थ समस्या के चलते राजनीती से सन्यास ले लिया था तब उन्होंने 2009 तक लखनऊ, उत्तर प्रदेश के संसद भवन की सदस्य बनकर भी सेवा की है। वाजपेयी भारतीय जन संघ के संस्थापक सदस्य भी है। मोरारजी देसाई की सरकार में सन् 1977 से 1979 तक विदेश मन्त्री भी रहे और विदेशों में भारत की छवि को निखारा है। भारत की संस्कृति, सभ्यता, राजधर्म, राजनीति और विदेश नीति की इनको  गहरी समझ है। प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में जहां इन्होंने पाकिस्तान और चीन से संबंध सुधारने हेतु अभूतपूर्व कदम उठाए वहीं अंतर राष्ट्रीय दवाबों के बावजूद गहरी कूटनीति तथा दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए  पोकरण में परमाणु विस्फोट किए तथा कारगिल-युद्ध जीता। राजनीति में दिग्गज राजनेता, विदेश नीति में संसार भर में समादृत कूटनीतिज्ञ, लोकप्रिय जननायक और कुशल प्रशासक होने के साथ-साथ ये  एक अत्यंत सक्षम और संवेदनशील कवि और लेखक भी रहे हैं। विभिन्न संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्य और विदेश मंत्री तथा प्रधानमंत्री के रूप में इन्होंने  विश्व के अनेक देशों की यात्राएं की हैं और भारतीय कुटनीति तथा विश्वबंधुत्व का घ्वज लहराया है।

प्रमुख रचनायें
 
मृत्यु या हत्या,
सेक्युलर वाद,
अमर आग है,
कैदी कविराय की कुण्डलियाँ,
संसद में तीन दशक,
बिन्दु बिन्दु विचार,
अमर बलिदान,
राजनीति की रपटीली राहें,
कुछ लेख: कुछ भाषण, इत्यादि।

पुरस्कार

पद्म विभूषण(1992)
लोकमान्य तिलक पुरस्कार(1994)
श्रेष्ठ सासंद पुरस्कार(1994)
भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार(1994)
डी लिट (मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय)(2015)
'फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वार अवॉर्ड', (बांग्लादेश सरकार द्वारा प्रदत्त)(2015)
भारतरत्न से सम्मानित(2015)




Share this

0 Comment to "Atal Bihari Vajpayee"

Post a Comment